बिहार के चुनावी रण में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जमकर घेरा. सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की परिवारवाद नीति को लेकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक परिवार में ऐसी सिमट गई है, कल सरदार पटेल की जयंती थी, इस परिवार ने उन्हीं की पार्टी के नेता रहे सरदार साहब को स्मरण करने में भी इनके पेट में चूहे दौड़ने लगे. इस दौरान पीएम मोदी ने लालू परिवार पर भी हमला बोला.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस नहीं बने 'बीजेपी लाइट', नहीं तो हो जाएगी 'जीरो' : थरूर
समस्तीपुर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जब जनता के हित में फैसले होते हैं, जन फैसलों में जनता की सहभागिता होती है. तभी लोकतंत्र भी मजबूत होता है. आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूरी तरह से समर्पित एनडीए का गठबंधन है. दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को, अपने परिवार के स्वार्थ को सिर्फ उन्हीं के कामों के समर्पित पारिवारिक गठबंधन हैं. एक तरफ लोकतांत्रिक गठबंधन है तो दूसरी तरफ परिवारतंत्र गठबंधन हैं.'
लालू परिवार के साथ गांधी परिवार को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'जहां जंगलराज के युवराज को तो आप बराबर देख रहे हो, कांग्रेस पार्टी का दायरा भी धीरे-धीरे सिकुड़ करके अपने परिवार तक ही सीमित रह गया है. सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्होंने पूरे देश को एक किया, वो देश के लिए जिए, अपना पूरा जीवन देश के लिए लगा दिया, वो कांग्रेस के नेता थे, फिर भी कांग्रेस पार्टी एक परिवार में ऐसी सिमट गई है, कल सरदार पटेल की जयंती थी, इस परिवार ने उन्हीं की पार्टी के नेता रहे सरदार साहब को स्मरण करने में भी इनके पेट में चूहे दौड़ने लगे. वे न तो भाजपा के थे न RSS के... उनका गौरव गान करना 130 करोड़ देशवासियों का कर्तव्य बनता है.'
यह भी पढ़ें: मप्र के उपचुनाव में गद्दार, भूखा-नंगा से कुत्ता तक पहुंची बात
उन्होंने कहा, 'सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के लिए काम कर रहीं इन परिवारिक पार्टियों ने जनता को क्या दिया. बड़े-बड़े महल इन लोगों के बने, बड़ी-बड़ी करोड़ों की गाड़ियां ये लेकर आए. गाड़ियों की काफिला बन गया है, उनके घरों में गाड़ियों को खड़ी करने की जगह भी नहीं रही है. खुद के बाद उन लोगों ने अपने रिश्तेदारों को हर बार टिकट दिया.' पीएम मोदी बोले, 'क्या नीतीश बाबू के कोई भाई राज्यसभा में पहुंचे हैं, उनका कोई बेटा-बेटी, चाचा, मामा कहीं पहुंचे हैं क्या? लोकतंत्र के लिए काम करने वाले लोग जनता को अवसर देते हैं. क्या मोदी का कोई रिश्तेदार कहीं पहुंचा है क्या? आपने कहीं देखा है क्या? क्योंकि हम आपके लिए जिंदा हैं.'
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इन लोगों को आपकी चिंता नहीं है. इनको अपने विकास की चिंता है. जबकि एनडीए का मंत्र है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास. हमारी सरकार का यह प्रयास रहा है कि कोई भी व्यक्ति और कोई भी क्षेत्र विकास के लाभ से छूट न जाए. सुविधा, सम्मान और शुभ अवसर में किसी के साथ भी कोई भेद नहीं होना चाहिए. यही तो सुशासन का लक्ष्य है. नीतीश के नेतृत्व में इसी लक्ष्य को पाने के लिए बिहार में एनडीए ने लगातार काम किया है. आत्मनिर्भर बिहार का जो संकल्प लिया गया है, यह इसी सुशासन का, युवाओं के लिए रोजगार दिलाने का रोडमैप है.'
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का वार- जंगलराज वालों को अपनी तिजोरी भरने की चिंता
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जिनकी नीयत खराब, जिनती नीति गरीबों का धन लूटने की हो, जिनका निर्णय सिर्फ अपने और अपने परिवार को ध्यान में रखते हुए लिया गया हो, वो हमारे हर प्रयास का विरोध तो करेंगे ही. कृषि क्षेत्र से जुड़े काम हो या रक्षा क्षेत्र की बात हो, ये लोग हर बात का विरोध कर रहे हैं. आज देश के गरीब को अहसास है कि एनडीए सरकार ने उसके लिए बहुत योजनाएं चलाई हैं. इन लोगों को गरीबों की तकलीफों, परेशानी और दुखों के कोई मतलब नहीं है. इन लोगों को गरीब सिर्फ और सिर्फ चुनावों में याद आते हैं. जब चुनाव आते हैं, ये लोग माला जपना शुरू कर देते हैं- गरीब, गरीब, गरीब.....! ये लोग यही करते रहे हैं. चुनाव पूरे होने पर गरीब अपनी जगह और ये लोग अपना कुनबा लेकर बैठ जाते हैं.'
Source : News Nation Bureau