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कल्याण सिंह के निधन से दुखी PM मोदी, बेटे राजवीर को फोन कर कही यह बात

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया है

Updated on: 22 Aug 2021, 12:52 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया है. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने कल्याण सिंह के बेटे राजवीर से फोन पर बात की और संवेदना व्यक्त की. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं शब्दों से परे दुखी हूँ. कल्याण सिंह जी...राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे. उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है.

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एक के बाद किए अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा कि भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा कल्याण सिंह जी की आभारी रहेंगी. वह दृढ़ता से भारतीय मूल्यों में निहित थे और हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व करते थे कल्याण सिंह जी ने समाज के वंचित तबके के करोड़ों लोगों को आवाज दी. उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई प्रयास किए. आपको बता दें कि कल्याण सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते उनको के लखनऊ संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में भर्ती कराया गया था. वह 89 साल के थे. जानकारी के अनुसार कल्याण सिंह का निधन सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर से हुआ है. कल्याण सिंह के निधन से यूपी समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है.

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कल्याण सिंह की हालत गंभीर होने पर चार जुलाई को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया. उन्हें क्रिटिकल केयर आईसीयू में रखा गया था. संस्थान के क्रिटिकल केयर, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी सहित विभिन्न विभागों के प्रोफेसरों की टीम उनके इलाज में लगी हुई थीं. कल्याण सिंह को 4 जुलाई को नाजुक अवस्था में पीजीआई शिफ्ट किया गया था. क्रिटिकल केयर मेडिसिन के आईसीयू में उपचार होने के करीब चार दिन बाद कल्याण की तबीयत में काफी सुधार हुआ. वह लोगों से बातचीत करने के साथ उनका जवाब भी दे रहे थे. 17 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया. अगले दिन फेफड़ों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन न मिलने पर 18 जुलाई को गले में नली (नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन) डाली गई. ज्यादा दिक्कत बढ़ने पर 21 जुलाई को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया.