logo-image

पीएम मोदी ने वाजपेयी का तोड़ रिकॉड, गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में रहा सबसे लंबा कार्यकाल

15 अगस्त से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है.

Updated on: 14 Aug 2020, 12:00 AM

नई दिल्‍ली:

15 अगस्त से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. भारतीय इतिहास में नरेंद्र मोदी आज चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इससे पहले जिन तीन पीएम का नाम इस लिस्ट में शामिल है वे सभी कांग्रेस के थे. पीएम नरेंद्र मोदी ऐसा रिकॉर्ड बनाने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं.

यह भी पढे़ंः कांग्रेस विधायक दल की बैठक, गहलोत और पायलट की मुलाकात, देखें Video 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-कांग्रेसी सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है. इस लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्थान है, जिन्होंने अपनी सभी कार्यकालों को मिलाकर 2268 दिनों तक देश की सेवा की थी. पीएम नरेंद्र मोदी आज उस कार्यकाल से आगे निकल गए हैं.

इससे पहले सबसे ज्यादा लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्रियों में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह का नाम शामिल है. पीएम नरेंद्र मोदी अब चौथे सबसे ज्यादा दिन तक देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं.

पीएम मोदी 15 अगस्त को भी बनाएंगे एक रिकॉर्ड

बता दें कि इस साल 15 अगस्त को जब पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा लहराएंगे तो भी एक नया रिकॉर्ड बनेगा. पीएम नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को 7वीं बार लाल किले से तिरंगा लहराएंगे. इसके साथ ही ऐसा सबसे ज्यादा बार करने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में वे चौथे नंबर पर आ जाएंगे.

यह भी पढे़ंः वसुंधरा राजे बोलीं- कुछ लोग BJP में फूट की खबरें फैला रहे हैं, लेकिन...

गौरतलब है कि लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड देश के प्रथम पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम है. दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी आती हैं तो तीसरे नंबर पर मनमोहन सिंह का नाम है. बता दें कि पंडित नेहरू ने लाल किले से 17 बार लगातार तिरंगा फहराया था, जबकि इंदिरा गांधी ने 11 बार ऐसा किया था, जबकि मनमोहन सिंह ने लाल किले से लगातार 10 बार तिरंगा लहराया था.