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चीन-पाकिस्तान को PM मोदी का कड़ा संदेश- आज समझने-समझाने की नीति पर विश्वास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारवादी सोच वाले चीन और कायर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है.

Updated on: 14 Nov 2020, 01:02 PM

जैसलमेर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारवादी सोच वाले चीन और कायर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है. मोदी ने दोनों पड़ोसी मुल्कों को चेताते हुए कहा कि आज भारत की रणनीति साफ है और स्पष्ट है. आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है, लेकिन अगर हमें आजमाने की कोशिश होती है तो जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलता है.

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पीएम मोदी आज भारत-पाकिस्तान की सीमा के नजदीक जैसलमेर में जवानों के बीच दिवाली का जश्न मनाने पहुंचे हैं. यहां प्रधानमंत्री ने देश के वीर जवानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा है कि हिमालय की बुलंदियां हों, रेगिस्तान का विस्तार हो, घने जंगल हों या फिर समंदर की गहराई हो, हर चुनौती पर हमेशा आपकी वीरता भारी पड़ी है. जवानों से पीएम मोदी ने कहा कि आप भले बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या फिर रेगिस्तान में, मेरी दीवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है. आपके चेहरों की रौनक देखता हूं, आपके चेहरे की खुशिया देखता हूं, तो मुझे भी दोगुनी खुशी होती है.

जवानों के शौर्य की प्रशंसा करते हुए मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर ड्रैगन को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है.' उन्होंने कहा, 'भारतीय सैनिकों के इसी शौर्य को नमन करते हुए आज भारत के 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं. आज हर भारतवासी को अपने सैनिकों की ताकत और शौर्य पर गर्व है. उन्हें आपकी अजेयता पर, आपकी अपराजेयता पर गर्व है.'

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उन्होंने कहा, 'आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है. भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है. आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है. आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं. विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है. इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है.'