logo-image

पीएम मोदी 24 अप्रैल को ई-संपत्ति कार्डों का करेंगे वितरण

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान करेंगे. राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 कई श्रेणियों में दिए जाएंगे.

Updated on: 23 Apr 2021, 11:20 PM

highlights

  • पीएम मोदी राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर स्वामित्व योजना के तहत ई-संपत्ति कार्डो के वितरण का शुभारंभ करेंगे
  • इस अवसर पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे
  • केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर 24 अप्रैल को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत ई-संपत्ति कार्डो के वितरण का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे, जिसके साथ ही देशभर में स्वामित्व योजना के पालन की शुरुआत हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान करेंगे. राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 कई श्रेणियों में दिए जाएंगे. 224 पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार और 29 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, जबकि 30 ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार और 12 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें :सुरक्षा की मांग को लेकर NMCH के डॉक्टर हड़ताल पर, मरीज के परिजनों पर डॉक्टरों से हाथापाई का आरोप

प्रधानमंत्री बटन पर क्लिक के माध्यम से, 5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक पुरस्कार धनराशि हस्तांतरित करेंगे. यह धनराशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित होगी. ऐसा पहली बार किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें :अयोध्या विवाद पर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे सीजेआई बोबडे : एससीबीए प्रमुख

दरअसल, प्रधानमंत्री की ओर से सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 24 अप्रैल, 2020 को स्वामित्व यानी गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण का शुभारंभ किया गया था. इस योजना में मानचित्रण और सर्वेक्षण की आधुनिक तकनीक साधनों के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत में बदलाव की क्षमता है.

यह भी पढ़ें :चमोली में भारत-चीन सीमा के पास ग्लेशियर टूटा, ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ा

इससे कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए ग्रामीणों द्वारा संपत्ति को एक वित्तीय संपदा के रूप में इस्तेमाल करने का मार्ग प्रशस्त होता है. इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा. योजना के पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पंजाब व राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था.