/newsnation/media/post_attachments/images/2021/09/01/modi-16.jpg)
PM Modi ( Photo Credit : ANI)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभा को संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस दौरान 125 रुपये का एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया. आपको बता दें कि स्वामी जी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फोर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की थी, जिसे आमतौर पर “हरे कृष्ण आंदोलन” के रूप में जाना जाता है. इस्कॉन ने श्रीमद्भगवद् गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया, जो दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
यह भी पढ़ें : Closing Bell 1 Sep 2021: ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली से लुढ़का शेयर बाजार, 214 प्वाइंट गिरकर बंद हुआ सेंसेक्स
PM Narendra Modi releases a special commemorative coin of Rs 125 on the occasion of the 125th birth anniversary of Srila Bhaktivedanta Swami Prabhupada, via video conferencing pic.twitter.com/l5qME4GKPh
— ANI (@ANI) September 1, 2021
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि परसो श्री कृष्ण जन्माष्टमी थी और आज हम श्रील प्रभुपाद जी की 125वीं जन्मजयंती मना रहे हैं. ये ऐसा है जैसे साधना का सुख और संतोष एक साथ मिल जाए. इसी भाव को आज पूरी दुनिया में श्रील प्रभुपाद स्वामी के लाखों करोड़ों अनुयाई और लाखों करोड़ों कृष्ण भक्त अनुभव कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि प्रभुपाद स्वामी एक अलौकिक कृष्णभक्त तो थे ही, साथ ही वो एक महान भारत भक्त भी थे. उन्होंने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था. उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मानवता के हित में भारत दुनिया को कितना कुछ दे सकता है, आज इसका एक बड़ा उदाहरण है विश्व भर में फैला हुआ हमारा योग का ज्ञान! भारत की जो sustainable lifestyle है, आयुर्वेद जैसे जो विज्ञान हैं, हमारा संकल्प है कि इसका लाभ पूरी दुनिया को मिले.हम जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं, और वहाँ जब लोग ‘हरे कृष्ण’ बोलकर मिलते हैं तो हमें कितना अपनापन लगता है, कितना गौरव भी होता है। कल्पना करिए, यही अपनापन जब हमें मेक इन इंडिया products के लिए मिलेगा, तो हमें कैसा लगेगा.
यह भी पढ़ें : ममता बनर्जी के भतीजे अभीषेक बनर्जी की पत्नी नहीं पहुंचीं ईडी दफ्तर, भेजा जवाब
आज हम श्रील प्रभुपाद जी की 125वीं जन्मजयंती मना रहे हैं। ये ऐसा है जैसे साधना का सुख और संतोष एक साथ मिल जाए। इसी भाव को आज पूरी दुनिया में श्रील प्रभुपाद स्वामी के लाखों करोड़ों अनुयाई और लाखों करोड़ों कृष्ण भक्त अनुभव कर रहे हैं: PM मोदी https://t.co/M8FKpQyCtSpic.twitter.com/DXHMXxDaql
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2021
उन्होंने कहा कि आज विद्वान इस बात का आकलन करते हैं कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहाँ होता, किस स्वरूप में होता! लेकिन उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा, उन्होने ‘विश्वास से आत्मविश्वास’ का मंत्र दिया. एक समय अगर स्वामी विवेकानंद जैसे मनीषी आए जिन्होंने वेद-वेदान्त को पश्चिम तक पहुंचाया, तो वहीं विश्व को जब भक्तियोग को देने की ज़िम्मेदारी आई तो श्रील प्रभुपाद जी और इस्कॉन ने इस महान कार्य का बीड़ा उठाया। उन्होंने भक्ति वेदान्त को दुनिया की चेतना से जोड़ने का काम किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया के अलग अलग देशों में सैकड़ों इस्कॉन मंदिर हैं, कितने ही गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुये हैं. इस्कॉन ने दुनिया को बताया है कि भारत के लिए आस्था का मतलब है- उमंग, उत्साह, और उल्लास और मानवता पर विश्वास.
Source : News Nation Bureau