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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, PM मोदी ने आज बुलाई अहम बैठक

जानकारी के मुताबिक, बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, कैबिनेट सचिव और नीति आयोग के अफसर भी शामिल होंगे. इस दौरान कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए नई पहलों पर भी चर्चा की जाएगी.

Updated on: 24 Aug 2021, 06:34 AM

highlights

  • विशेषज्ञों का दावा- अक्टूबर में आ सकती है तीसरी लहर
  • आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक ने भी किया दावा
  • बैठक में महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का होगा रिव्यू

नई दिल्ली:

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच आज यानि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहम बैठक बुलाई है. दोपहर तरीब 3.30 बजे होने वाली इस बैठक में कोरोना के हालात को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में कोरोना से निपटने की स्थिति और उपायों पर चर्चा की जाएगी. जानकारी के मुताबिक बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, कैबिनेट सचिव और नीति आयोग भी शामिल होगा. कई विशेषज्ञ अक्टूबर से लेकर नवंबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता चुके हैं. हालांकि यह डेल्टा वेरिएंट की संक्रामकता पर निर्भर है. 

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अक्टूबर में आ सकती है तीसरी लहर
दरअसल कई विशेषज्ञों ने अक्टूबर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका जताई है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (NIDM) तीसरी लहर के मद्दनेजर मिल रही चेतावनियों पर अध्ययन कर तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियां कर रही हैं. संस्था की ओर से पीएमओ को एक रिपोर्ट भेजी गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की पीक अक्टूबर में सामने आ सकती है. रिपोर्ट में कहा कि अभी ये साफ नहीं है कि तीसरी लहर में बच्चों पर कितना असर पड़ेगा. लेकिन इतना साफ है कि बच्चों पर तीसरी लहर में खतरा बना रहेगा क्योंकि बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं किया गया है. 

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आईआईटी कानपुर ने भी किया दावा 
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिक ने भी जताई है. कोरोना महामारी के गणितीय मॉडलिंग में शामिल वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि अगर डेल्टा से अधिक संक्रामक वायरस उभरता है और सितंबर के आखिरी तक पूरी तरह से एक्टिव हो जाता है, तो तीसरी लहर नवंबर में अपने पीक पर होगी. हालांकि अपनी रिपोर्ट में उन्होंने यह भी कहा है कि यह तीसरी लहर के बराबर खतरनाक नहीं होगा. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि हो सकता है कि डेल्टा वेरिएंट उतना संक्रामक ना भी दो जितना दावा किया जा रहा है. अगर ऐसा है तो फिर तीसरी लहर की आशंका भी खत्म हो जाती है.