प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के 'ऐतिहासिक' संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNGA) के सत्र के दौरान दो अहम और उच्चस्तरीय चर्चाओं में हिस्सा लेंगे. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इसकी जानकारी दी है. टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि इस साल के "ऐतिहासिक" संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी होगी, जो 21 सितंबर से शुरू होने वाले उच्च स्तरीय खंडों में दो बहसों में शामिल होंगे.
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न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा ऐतिहासिक होगी. जहां तक भारत का सवाल है. सोमवार से शुरू होने वाले उच्च स्तरीय खंडों में दो बहसों में पीएम मोदी की भागीदारी मुख्य आकर्षण होगी. उन्होंने कहा कि पहले कार्यक्रम में एक आम चर्चा होगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और राष्ट्रीय वक्तव्य देंगे, जबकि दूसरी संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर उच्च स्तरीय बैठक होगी. तिरुमूर्ति ने कहा कि यहां उनका संबोधन निश्चित रूप से UNGA में भारत की भागीदारी का मुख्य आकर्षण होगा.
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राजनयिक ने बताया कि जैव विविधता शिखर सम्मेलन का आयोजन 30 सितंबर को किया जाएगा, जिसकी थीम 'सतत विकास के लिए जैव विविधता पर तत्काल कार्रवाई' होगी. यह संयुक्त राष्ट्र में जैव विविधता पर पहला शिखर सम्मेलन होगा. हमारे पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा कि भारत दुनिया के 10 मेगा जैव विविधता वाले देशों में से एक है और देश ने जैव विविधता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है.
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टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की तर्ज पर होने वाली कुछ मंत्रिस्तरीय बैठकों में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि हम एक अलग तरह की परिस्थिति में इस सत्र में भाग लेने जा रहे हैं, जो बेहद दिलचस्प होने वाला है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट और यह महत्वपूर्ण बैठक दोनों हम लोगों को कुछ अलग करने को प्रेरित करेगा.