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Fit India Dialogue: मोदी ने बताया स्वस्थ और सुखी रहने का मंत्र, विराट ने भी रखे अपने विचार

फिट इंडिया अभियान की पहली वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया डायलॉग' में भाग लिया है. वो फिटनेस के जुनूनी लोगों से संवाद कर रहे हैं.

Updated on: 24 Sep 2020, 02:18 PM

नई दिल्ली:

फिट इंडिया अभियान की पहली वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया डायलॉग' में भाग लिया है. इस दौरान मोदी ने फिटनेस के जुनूनी लोगों से संवाद किया. 'फिट इंडिया डायलॉग' में भारतीय क्रिक्रेट टीम के कप्तान विराट कोहली, अभिनेता मिलिंद सोमन और मशहूर डायटीशियन रुजुता दिवेकर शामिल हुए. इसमें खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी भाग लिया है. प्रधानमंत्री मोदी स्वस्थ जीवनशैली के अपने विचारों को साझा किए और साथ में एक स्वस्थ दिनचर्या के गुणों के बारे में भी चर्चा की. 

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फिट रहना उतना मुश्किल नहीं, जितना लगता है- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया भर में फिटनेस को लेकर जागरूकता है. WHO ने Global Strategy on Diet और Physical Activity on Health को प्रचारित किया है और एक प्रारूप दिया है. मोदी ने कहा कि फिट रहना उतना मुश्किल नहीं है, जितना लोगों को लगता है. उन्होंने कहा, 'फिटनेस की डोज, आधा घंटा रोज- इस मंत्र में सभी का स्वास्थ्य और सभी का सुख छिपा है.'

मोदी ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से की चर्चा

फिट इंडिया संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से चर्चा की. इस दौरान विराट कोहली ने अपनी फिटनेस के राज बताए. उन्होंने कहा कि जिस पीढ़ी में हमारा खेलना शुरू हुआ, वह तेजी से बदला. हमें अपने आप को भी बदलना था तो हमने खुद को फिट रखने का तरीका बदला. कोहली ने बताया कि वह मैच की प्रैक्टिस भले ही मिस कर दें, मगर फिटनेस सेशन मिस नहीं करते. चर्चा के दौरान मोदी ने कहा कि आपका नाम और काम दोनों की विराट हैं. संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कोहली से यो-यो टेस्ट और थकान के बारे में सवाल पूछा, जिसका विराट कोहली ने अपने अंदाज में जवाब दिया. कोहली ने कहा कि आजकल लाइफ की डिमांड ज्यादा हो गई है. फिटनेस को नहीं इंप्रूव करेंगे तो खेल में पीछे छूट जाएंगे. खेल में सफलता के लिए सिर्फ स्किल ही नहीं शरीर और दिमाग कितना तंदरुस्त है, ये भी मायने रखता है.

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मिलिंद सोमन ने अपनी मां को फिटनेस की मिसाल बताया

एक्टर और 'आयरन मैन' मिलिंद सोमन ने अपनी 81 वर्षीय मां को फिटनेस की मिसाल बताया. मिलिंद सोमन ने कहा कि उनकी मां ने 60 वर्ष की उम्र में ट्रैकिंग शुरू की. मिलिंद सोमन ने बताया कि वह फिट रहने के लिए जिम जाने में विश्वास नहीं करते. वह आठ बाई दस फुट की जगह में भी फिट रह सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सवाल के जवाब में मिलिंद सोमन ने बताया, 'मेरा कोई रुटीन नहीं है. मुझे एक्सरसाइज करना पसंद है. दिन में जितना समय मिलता है, चाहे तीन मिनट हो या तीन घंटा हो, मैं एक्टिविटीज करता रहता हूं. मैं कभी जिम नहीं जाता. मैं कभी मशीन यूज नहीं करता. अगर सामान्य रूप से फिट रहना है, हेल्दी बनना है तो घर पर भी आसान चीजों को लेकर भी फिट और हेल्दी रह सकता हूं. मैं लोगों से कहता हूं कि आठ बाई दस फुट की जगह में भी मैं फिट रह सकता हूं.'

देवेंद्र झाझड़िया ने मोदी के साथ साझा किया अपना किस्सा

फिट इंडिया संवाद के दौरान पैरा एथलीट देवेंद्र झाझड़िया ने पीएम मोदी के साथ अपना किस्सा साझा किया. दो बार पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने अपने बचपन की कहानी सुनाई, जब वह बिजली के करंट के कारण दिव्यांग हो गए थे. मोदी से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 9 साल की उम्र में उन्होंने अपने हाथ गंवा दिए. देवेंद्र ने बताया कि मां के हौसले के चलते उन्होंने खेल की शुरुआत की. मोदी ने उनके फिटनेस के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने अपनी फिटनेस के लिए काफी व्यायाम किया. साथ ही झाझरिया ने कहा कि जिंदगी में कभी भी लोगों को हार नहीं माननी चाहिए.

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कश्मीर की महिला फुटबॉलर ने भी साझा की अपनी फिटनेस की कहानी

फिट इंडिया संवाद के दौरान जम्मू कश्मीर की महिला फुटबॉलर अफशान आशिक ने भी अपनी फिटनेस की कहानी प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा की. अफशान आशिक ने कहा है कि मुझे खुशी है कि आज कश्मीर की लड़कियां भी फिटनेस के लिए दौड़ती हैं. प्रधानमंत्री के एक सवाल पर अफशान ने कहा कि कश्मीर की ताजा हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए और हमें फिट रखने में काफी मदद करती है. अफशान ने बताया कि वहां के मौसम और हरियाली की वजह से कश्मीर के लोगों का स्टैमिना काफी अच्छा होता है, जिस कारण खेल में बहुत फायदा मिलता है.