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Kashi-Tamil Sangamam में PM Modi का हिंदी भाषण Bhashini से हुआ तमिल में अनुवाद, जानें कैसे?

PM Modi के भाषण में नया प्रोयग हुआ, जिसके तहत तमिल समझने वाले दर्शकों के लिए रियल टाइम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनुवाद उपकरण 'भाषिणी' (Bhashini) का इस्तेमाल किया. 

Updated on: 17 Dec 2023, 10:06 PM

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वे कई जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं. इसी बीच आज यानि रविवार दौरे के पहले दिन, पीएम मोदी ने काशी के नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन किया, इसके साथ ही कन्याकुमारी और वाराणसी के बीच काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान अपने भाषण उन्होंने एक नया प्रोयग देश के सामने पेश किया, जिसके तहत तमिल समझने वाले दर्शकों के लिए रियल टाइम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनुवाद उपकरण 'भाषिणी' (Bhashini) का इस्तेमाल किया. 

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान, तमिलनाडु से आए लोगों से अपने इयरफ़ोन का इस्तेमाल करने का आग्रह किया. पीएम मोदी बोले कि, इस एआई तकनीक पहली बार हो रहा है. आज यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने इसे एक नई शुरुआत बताते हुए उम्मीद जताई कि, इसके इस्तेमाल से उनका लोगों तक पहुंचना और आसान हो जाएगा. 

क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पीएम मोदी के भाषण के दौरान 'भाषिणी' के इस्तेमाल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक्स पोस्ट किया, उन्होंने इसे पीएमओ द्वारा उठाया गया एक "रोमांचक कदम" करार दिया है. उन्होंने कहा कि, आज काशी तमिल संगमम में पीएमओ द्वारा उठाया गया एक रोमांचक कदम 'भाषिणी' राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का एक डिजिटल उत्पाद है. साथ ही सीतारमण ने कहा कि, भाषिनी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने मिलकर काम करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण का वास्तविक समय में तमिल में अनुवाद किया है. 

क्या है भाषिणी?

तो बता दें कि, 'भाषिणी' एक एआई-आधारित भाषा अनुवाद प्रणाली है जो लोगों को अन्य भारतीय भाषाओं के बोलने वालों से बात करते समय अपनी मूल भाषा में बात करने में सक्षम बनाती है. यह संबंधित एंड्रॉइड और आईओएस ऐप के माध्यम से पहुंच योग्य है. वहीं इस ऐप में एक अलग 'भसादान' अनुभाग भी है जो व्यक्तियों को कई क्राउडसोर्सिंग पहलों में योगदान करने की अनुमति देता है.