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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बढ़ सकता है पेट्रोल-डीजल संकट, रेल सेवा ठप होने का असर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू के हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन आयल डिपो ने बुधवार शाम से पेट्रोल पंप डीलरों को सप्लाई रोक दी है. तीनों ही डिपो के स्टॉक निचले स्तर पर चला गया है.

Updated on: 08 Oct 2020, 12:53 PM

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों के खिलाफ Punjab और Haryana में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से Jammu Kashmir Ladakh News में Petrol Diesel News की किल्लत हो गई है. दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से रेल सेवाएं (Rail Services) प्रभावित हो गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू के हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन आयल डिपो ने बुधवार शाम से पेट्रोल पंप डीलरों को सप्लाई रोक दी है. तीनों ही डिपो के स्टॉक निचले स्तर पर चला गया है और इस स्थिति में सिर्फ सेना और इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही ऑयल का रिजर्व है.

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रेल सेवा ठप होने से दूसरे राज्यों से मंगा रहे हैं तेल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पेट्रोल पंप अब इस स्थिति में जालंधर और बठिंडा से टैंकरों के जरिए तेल मंगा रहे हैं और यहां से सप्लाई इन राज्यों में पहुंचने में कम से कम तीन दिन का समय लग रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पेट्रोल पंपों पर गुरुवार तक का ही स्टॉक बचा हुआ है. जानकारों का कहना है कि अगर समय रहते कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल और डीजल के लिए हाहाकार मचने की आशंका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन राज्यों ने पेट्रोल पंप डीलरों को दूसरे राज्यों से तेल लाने के लिए कहा है.

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गौरतलब है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन आयल डिपो से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए रोजाना 400-450 टैंकर ऑयल की सप्लाई की जाती है. जम्मू में मालगाड़ी नहीं चलने की वजह से ऑयल की सप्लाई में भारी किल्लत उत्पन्न हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर से लेह लद्दाख समेत अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो जाती है और उसकी वजह से करीब 6 महीने तक आवागमन बंद हो जाता है. इस स्थिति को देखते हुए इन क्षेत्रों में तेल का स्टॉक पहले ही कर लिया जाता है. चूंकि अभी पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन चल रहा है ऐसे में यहां तेल का स्टॉक नहीं हो पा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल सेवा अगर बहाल नहीं हो पाती है तो जम्मू कश्मीर और लेह के पर्वतीय इलाकों में तेल का स्टॉक नहीं जमा हो पाएगा जिससे आने वाले समय में काफी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.