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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बोले पारस भाई- ऑनलाइन करें योग

International yoga day 2021: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और उसके महत्व को पहचान दिलाने के लिए वर्ष 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी. इसके बाद से हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है.

Updated on: 19 Jun 2021, 08:27 PM

नई दिल्ली:

International yoga day 2021: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और उसके महत्व को पहचान दिलाने के लिए वर्ष 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी. इसके बाद से हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष भी 21जून को सातवां योग दिवस मनाया जाएगा. इस वर्ष योग दिवस की थीम 'बी विद योग, बी, एट होम' यानी 'योग के साथ रहें, घर पर रहें' रखी गई है. कोरोना महामारी में पारस परिवार ( Paras Parivaar ) के मुखिया पारस भाई जी ( Paras Bhai Ji) ने देशवासियों को घर पर ही रहने की अपील की है.

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पारस भाई जी ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को कोटि-कोटि धन्यवाद बोला है. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की थी. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी देशवासियों को योग जरूर करना चाहिए, लेकिन कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर ये काम करना चाहिए. इस वक्त पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है. देशवासियों को सोशल डिस्टेंसिंग और मुंह पर मास्क लगाकर 21 जून को योग करना चाहिए.

पारस परिवार के मुखिया पारस भाई जी ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को डिजिटल इंडिया बना दिया है, इसलिए बार देशवासियों को डिजिटल रूप से योग दिवस मनाना चाहिए. कोरोना वायरस न फैलें इसे ध्यान में रखकर लोगों को आनलाइन एक-दूसरे से जुड़कर योग करना चाहिए. वहीं, देश-विदेश में सप्ताह भर चलने वाली आनलाइन गतिवधियां शुरू कर दी गई हैं.

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पारस भाई ने योग के फायदे गिनाते हुए कहा कि भारत की प्राचीन परंपरा का योग एक अमूल्य उपहार है. यह शरीर और दिमाग की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है. यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन इंसान के भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में देश के साथ विदेशों में लोगों ने योग किया है. इस वक्त विदेश से लोग भारत आकर योग सिखते हैं और अपने देश में वापस जाकर योग सीखाते हैं.