NIA के सामने पेश हुए परम बीर सिंह, मुंबई पुलिस कमिश्नर ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी के मामले में पहली बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पेश हुए.
मुंबई:
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी के मामले में पहली बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पेश हुए. इस मामले में व्यवसायी मनसुख हीरेन की रहस्यमय तरीके से मौत होने के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया था. परमबीर सिंह बुधवार सुबह यहां एनआईए कार्यालय पहुंचे. वह सीधे आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी के दफ्तर के अंदर पहुंचे. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, सिंह से इस साल 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी एसयूवी के संबंध में पूछताछ की जाएगी.
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इसके पहले एनआईए निलंबित क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी सचिन वजे सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. एनआईए इसके पहले वाजे द्वारा उपयोग किए गए कई वाहनों को जब्त कर चुकी है और यहां एक नदी से कई सामान भी बरामद कर चुकी है.
गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने सचिन वाझे मामले की जांच रिपोर्ट गृहमंत्रालय को सौंप दी है. इसमें उसके 9 महीने के क्राइम ब्रांच में काम करने की जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि सचिन वाझे को पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आदेश के बाद ही क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट में तैनाती दी गई थी. सचिन वाज़े की पुलिस सेवा में बहाली पिछले साल जून में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के कहने पर ही की गई थी, बावजूद इसके कि इस पर ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) का एतराज था. सचिन वाज़े को CIU की कमान तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के कहने पर ही दी गई थी. बावजूद इसके कि क्राइम ब्रांच में उनसे भी सीनियर और काबिल अफसर थे. ज्वाइंट कमिश्नर के एतराज के बाद भी परमबीर सिंह कई बड़े मामलों की जांच सचिन वाज़े को दे देते थे. रिपोर्ट में कहा गया कि सचिन वाज़े क्राइम ब्रांच के आला अधिकारियों को रिपोर्ट ने करके सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करते थे. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को वो अनौपचारिक जवाब देते थे. मंत्रियों के सामने ब्रीफिंग के समय भी परमबीर सिंह के साथ वाज़े ही होते थे. बावजूद इसके कि वाज़े के पास ड्यूटी निभाने के लिए सरकारी गाड़ियां होती थी, वाज़े मर्सिडीज और ऑडी जैसी हाई एंड गाड़ियों में दफ्तर आया करते थे.
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दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और देशमुख की याचिकाओं में तकनीकी कमियां पाई गई हैं. इन कमियों को दूर करने के बाद ही मामला सुनवाई के लिए लिस्ट होगा. लिहाजा आज दोनों की ओर से जल्द सुनवाई की मांग को लेकर कोई मेंशनिग भी नहीं हुई.
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