पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) गुलजार अहमद ने दिवाली के अवसर पर खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) के कराक में पुनर्निर्मित श्री परम हंस जी महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इसकी जानकारी दी।
पिछले साल दिसंबर में, एक स्थानीय मौलवी और अन्य लोगों के नेतृत्व में भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था और इसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था।
सोमवार को उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस गुलजार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसारर, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संविधान के अनुसार, हिंदू समुदाय को अन्य धर्मों के लोगों के समान अधिकार हैं।
सीजेपी ने कहा कि हर कोई अपने पवित्र स्थानों से प्यार करता है और किसी को भी किसी के धार्मिक स्थान को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट अल्पसंख्यकों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा का आश्वासन देता है और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करना संविधान के तहत एक कर्तव्य है।
इस अवसर पर बोलते हुए, पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक और पीटीआई नेता रमेश कुमार ने कहा कि वह करक घटना का समय पर नोटिस लेने के लिए मुख्य न्यायाधीश के आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि मंदिरों का रखरखाव इवैक्यूई प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमार ने कहा कि अगर पाकिस्तान में चार अन्य ऐतिहासिक मंदिरों को फिर से खोल दिया जाता है, तो हजारों हिंदू उनके दर्शन कर सकेंगे और इससे दुनिया में देश की छवि बेहतर होगी।
उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ बनाई गई नकारात्मक धारणा को दूर करने के लिए एक सम्मेलन आयोजित करने की भी घोषणा की।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS