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UN में भारत का करारा जवाब, देश की संप्रुभता को खत्म करने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करता है पाकिस्तान

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के मानवता विरोधी बताने वाले रिपोर्ट पर अब भारत सरकार ने भी जवाब दिया है।

Updated on: 10 Jul 2018, 01:08 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के मानवता विरोधी बताने वाले रिपोर्ट पर अब भारत सरकार ने भी जवाब दिया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि तन्मय लाल ने जवाब देते हुए कहा, 'यहां पाकिस्तान की तरफ से जो दस्तावेज दिए गए हैं उसमें साफ तौर पर पूर्वाग्रह नजर आता है और जिस फोरम पर इस बात की जानकारी दी गई है वो बिना किसी आधिकारिक भरोसे और असत्यापित स्त्रोतों पर आधारित है।'

तन्मय लाल ने आगे कहा, 'सच्चाई यह है कि पाकिस्तान जानबूझकर भारत की संप्रभुता को कमजोर करने के लिए आतंकवाद को अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है लेकिन इस तरह का कई भी प्रयास न पहले सफल हुआ है और न आगे होने दिया जाएगा।'

अपने जवाब को समाहित करते हुए तन्मय लाल ने अंत में कहा, 'मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि सशस्त्र संघर्ष की स्थिति में बच्चे की सुरक्षा के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के मानकों के तरह आगे भी मजबूती से सुरक्षा के लिए प्रयास करता रहेगा।'

गौरतलब है कि मई महीने में पाकिस्तान ने यूएन रिपोर्ट में कहा था कि भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कथित मानवाधिकार उल्लंघन करने का हवाला देते हुए कहा था कि कश्मीर के साथ 'झूठी तुलना' न करे।

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी करते हुए भारत पर कश्मीर में कथित रूप से मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया था।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGC) में उस पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी। भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा था कि इस्लामाबाद से हो रही 'ख़ाली बयानबाजी' वस्तविकता को नहीं बदल देगी।

UNGC में भारत के पहले सचिव संदीप कुमार बय्यापु ने नरसंहार से सुरक्षा और रोकथाम, युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और नैतिक सफाई जैसे मुद्दो को लेकर जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा था, 'जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य और अहस्तान्तरणीय हिस्सा है। पाकिस्तान द्वारा भारत के इस हिस्से को लेकर बार-बार बयानबाजी करने से वास्तविकता बदल नहीं जाएगी।'