logo-image

इमरान खान ने RSS को बताया भारत-पाक दोस्ती में दीवार, जानिए संघ का जवाब

पीएम इमरान खान ( Pak PM Imran Khan ) ने आरोप लगाया है ​कि भारत और पाकिस्तान की दोस्ती के बीच आरएसएस की सोच आ खड़ी हुई है.

Updated on: 16 Jul 2021, 10:31 PM

नई दिल्ली:

भारत में आतंक को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान ( India-Pakistan Dispute ) विश्व समुदाय के सामने एक अच्छा पड़ोसी होने का ढ़ोंग करता है, बल्कि हिंदुस्तान को बदनाम करने का भी कोई मौका नहीं छोड़ता. कुछ ऐसा ही वाकया शुक्रवार को उस समय सामने आया जब एनएनआई के एक रिपोर्ट ने पाक पीएम इमरान खान ( Pak PM Imran Khan ) से एक सीधा सवाल पूछ लिया. दरअसल, रिपोर्टर ने भारत की ओर से इमरान खान से पूछा कि 'क्या बातचीत और आतंकवाद (terrorism) साथ-साथ चल सकते हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि पाकिस्तान तो भारत के लिए हमेशा इंतजार करता है, लेकिन बीच में RSS की सोच आ गई है. 

यह भी पढ़ें :स्वास्थ्य वैश्विक स्तर पर फिर बढ़ने लगा कोरोना, तीसरी लहर की आहट : स्वास्थ्य मंत्रालय

आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं

इसके साथ बाद ​रिपोर्टर ने पूछा कि क्या पाकिस्तान तालिबान (Taliban) को कंट्रोल कर रहा है तो पाक पीएम ( Pakistan PM Imran Khan ) ने इसका जवाब देना मुनासिब नहीं समझा और बातचीत को बीच में ही छोड़कर चले गए. आपको बता दें कि खान ताशकंद, उज्बेकिस्तान में मध्य-दक्षिण एशिया सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर (Union Minister Kaushal Kishor) ने भारत-पाक संबंधों पर पाक पीएम के इस बयान पर प्रतिक्रिया पर जताई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं. इमरान खान अपने देश में आतंकी ठिकानों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस को दोष देने में कोई दम नहीं है, यह उनका अनावश्यक बयान है. RSS सद्भाव का उपदेश देता है.

यह भी पढ़ें : विदेश अफगानिस्तान में कवरेज कर रहे भारतीय पत्रकार दानिश सिद्धीकी की हत्या

संघ के इंद्रेश कुमार ने दिया करारा जवाब

इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar, RSS) ने कहा कि अपने आतंकी संबंधों पर पर्दा डालने के लिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान आरएसएस पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1947 में पाकिस्तानी मानसिकता के नेतृत्व ने देश का विभाजन करवाया और तालिबानी प्रवृत्ति के साथ बांग्लादेश का निर्माण हुआ. इंद्रेश कुमार  ने कहा ​ि सिंध, बलूच, पख्तून जैसे क्षेत्र अभी भी जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.