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करतारपुर गलियारे के लिए पाकिस्तान का प्रोपोजल, एक दिन में 500 श्रद्धालुओं को दी जाएगी एंट्री

पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर गलियारे को लेकर भारत को एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रपोजल के मुताबिक, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का वीजा अनिवार्य है.

Updated on: 29 Dec 2018, 06:15 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने 28 नवंबर को सीमा पर अपनी ओर करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी. पड़ोसी मुल्क ने नवंबर में बगैर वीजा के भारत के सिखों को नरोवाल जिला स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा करने के लिए करतारपुर सीमा खोल दिया था. पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर गलियारे को लेकर भारत को एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रपोजल के मुताबिक, पाकिस्तान इस यात्रा के लिए परमिट जारी करेगा. एक दिन में 500 श्रद्धालु को ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही भारत को तीन दिन पहले यात्रियों की जानकारी देना अनिवार्य है. तीर्थयात्रियों के समूहों को परमिट मिलेगा. इन समूह में 15 लोग होने चाहिए. करतारपुर गलियारा सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक खुला रहेगा. यात्रियों के नाम और उनकी पिछली यात्राओं की जानकारी का डेटाबेस तैयार किया जाएगा.

मालूम हो कि पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नवजोत सिंह सिद्धू ,सुषमा स्वराज, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और राज्य मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को निमंत्रण दिया था. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू गुरदासपुर जिले के मान गांव में नए घोषित डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब रोड गलियारे की आधारशिला रखी थी.

इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान ने गुरु नानक की 549वीं जयंती के जारी समारोहों के लिए सिख तीर्थयात्रियों को 3,800 से अधिक वीजा जारी किए थे. करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण की मांग भारत दो दशक से करता आ रहा है, जहां गुरुनानक का निधन 1539 में हुआ था. यह धार्मिक स्थल भारतीय सीमा से दिखाई पड़ता है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव करतापुर में अपने जीवन के अंतिम 18 साल बिताए थे.