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India के खिलाफ घृणास्पद बयान देने वाले पाक स्थित थिंक टैंक का भंडाफोड़

पाक स्थित इस ट्विटर अकाउंट के संचालन का ध्येय वाक्य पाकिस्तान को बिना किसी दोष के एक परोपकारी देश के रूप में स्थापित करने के लिए ही काम करना है. हालांकि असल स्थिति इसके बिल्कुल उलट है.

Updated on: 09 Oct 2022, 07:07 AM

highlights

  • भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुष्प्रचार कर रहा एक और थिंक टैंक आया सामने
  • पाकिस्तान स्ट्रैटेजिक फोरम को जांच में पाया गया भ्रामक-घृणास्पद खबरें फैलाने का दोषी
  • भारत से जुड़े लगभग हर मसले को सच्चाई से उलट तोड़-मरोड़ कर करता रहा है पेश

नई दिल्ली:

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित एक थिंक टैंक की आड़ में काम कर रही एक प्रोपेगेंडा मशीन का डिजिटल फोरेंसिक ने भंडाफोड़ किया है. जांच में पता चला है कि यह सोशल मीडिया अकाउंट भारत (India) के खिलाफ घृणित सामग्री का प्रचार-प्रसार कर धार्मिक विभाजन के बीज बो रहा है. डिजिटल फोरेंसिक एंड रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (DFRAC) ने पाकिस्तान स्थित इस थिंक टैंक की फर्जी और भ्रामक सामग्री समेत भारत के खिलाफ घृणास्पद बयान देने और पाकिस्तान को चीन के मित्र के रूप में पेश करने के एजेंडे के झूठ का पर्दाफाश किया है. थिंक टैंक के रूप में काम करने वाले इस अकाउंट का नाम पाकिस्तान (Pakistan) स्ट्रैटेजिक फोरम है. यह माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर @ForumStrategic के हैंडल के रूप में मौजूद है. इस थिंक टैंक के ट्विटर पर मौजूद परिचय के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा संचालित स्वतंत्र थिंक टैंक है, जो भू-राजनीति पर सटीक निर्णय लेने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है. ट्विटर पर इसके 58.8 हजार फॉलोअर्स हैं.

दिसंबर 2019 में बनाया गया ट्विटर पर अकाउंट
पाक स्थित इस ट्विटर अकाउंट के संचालन का ध्येय वाक्य पाकिस्तान को बिना किसी दोष के एक परोपकारी देश के रूप में स्थापित करने के लिए ही काम करना है. हालांकि असल स्थिति इसके बिल्कुल उलट है. इस अकाउंट में भारत विरोधी सामग्री की भरमार है, जिसका वास्तविकता से कतई कोई लेना-देना नहीं है. ट्विटर पर इस थिंक टैंक का सोशल अकाउंट दिसंबर 2019 में बनाया गया. इस अकाउंट से पहली बार 13 दिसंबर 2019 को ट्वीट किया गया, जब पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स के दौरे पर थे. उसके बाद से भारत विरोधी यह ट्विटर हैंडल बेहद सक्रिय है. यह अलग बात है कि बाद यह ट्विटर अकाउंट भ्रामक कैप्शन के साथ भारत से जुड़ी तस्वीरें डालकर नफरत फैलाने वाला अभियान चलाने लगा. डीएफआरएसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में किसान आंदोलन, बांग्लादेशी पीएम हसीना की यात्रा और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद तो इसने फर्जी और भ्रामक खबरें फैलाने की इंतहा ही कर दी. 

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहा भारत के खिलाफ दुष्प्रचार
भारत में जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, तब अकाउंट ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन के साथ लिखा, भारत के सिखों ने नई दिल्ली में लाल किले पर अलगाववादी संगठन का झंडा फहराया. यह सच्चाई को हद दर्ज तक तोड़-मरोड़ कर पेश करने की एक घृणित मिसाल थी. वास्तल में लाल किले पर फहराया गया झंडा निशान साहिब था, जो खालसा की उपस्थिति का प्रतीक है. इसे हर गुरुद्वारा परिसर में फहराया जाता है. डिजिटल फोरेंसिक टीम ने अपनी जांच पाया कि पाकिस्तान स्ट्रेटेजिक फोरम के दुष्प्रचार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. थिंक टैंक पर भारत से जुड़ी वह हर घटना या बयान मिल जाएगा, जिसकी सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर झूठ बोल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा सके. 

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मोदी सरकार की ओर से बंद किए ज्यादातर अकाउंट स्ट्रैटेजिक फोरम के
यही नहीं, पाकिस्तान स्थिति थिंक टैंक का यह पोर्टल जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य अल्पसंख्यकों को भी भड़काने की कोशिश करता है. इसके फर्जी अकाउंट में कहा गया है कि कश्मीर पाकिस्तान का और लद्दाख का चीन का है. मानो इतना ही काफी नहीं था, ट्विटर अकाउंट आम यूजर्स के कंटेंट के साथ भी हेरफेर करता है. जाहिर है ट्विटर पर यह अकाउंट सिर्फ और सिर्फ भारत को लक्षित कर उसके खिलाफ सूचना युद्ध शुरू करने के लिए बनाया गया है. रिपोर्ट में फोरेंसिक ने बताया कि भारत और इसकी धर्मनिरपेक्षता के बारे में झूठी, भ्रामक और घृणास्पद पोस्ट करने के लिए भारत सरकार ने ऐसे कई सोशल मीडिया अकाउंट प ररोक लगा दी है. आगे की जांच में पता चला है कि ये सभी अकाउंट पाकिस्तान स्थित स्ट्रैटेजिक फोरम के नेटवर्क का हिस्सा हैं.

भारतीय महिलाओं पर भी बोला झूठ
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट का यह अकाउंट अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश में यह तक कहने से पीछे नहीं हटा कि भारत में महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा और उनके अधिकारों का अतिक्रमण हो रहा है. हालांकि सच्चाई यह है कि विश्व बैंकके आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की तुलना में 2019 तक भारत में लड़कियों के स्कूल में नामांकन की दर 75 प्रतिशत है, जबकि पाकिस्तान में महज 42 प्रतिशत. यह पहली बार नहीं है जब डीएफआरएसी ने पाकिस्तान के इस तरह के किसी दुष्प्रचार को खारिज किया है. टीम ने समय-समय पर ऐसे खातों के एजेंडा और रणनीतियों को उजागर किया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को नीचा दिखाने के लिए वे कैसे काम करते हैं.