आतंकवाद पर अपनी छवि बदलने के लिए एससीओ शिखर सम्मेलन, यूएनजीए का इस्तेमाल करेगा पाक
आतंकवाद पर अपनी छवि बदलने के लिए एससीओ शिखर सम्मेलन, यूएनजीए का इस्तेमाल करेगा पाक
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के साथ अपनी सांठगांठ पर निर्णायक रिपोटरें के बीच, पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ग्रे सूची से बाहर आने के लिए आतंकवाद पर अपनी छवि सुधारने की जुगत में लगा हुआ है। इसीलिए उसके शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र महासभा का उपयोग करने की संभावना है।एससीओ काउंसिल ऑफ हेड ऑफ स्टेट की 21वीं बैठक शुक्रवार को दुशांबे में होगी, जबकि 76वां यूएनजीए शिखर सम्मेलन 25 सितंबर को होगा।
पाकिस्तान की सैन्य संपत्ति का इस्तेमाल तालिबान के लिए नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के लड़ाकों को कुचलने के लिए किए जाने की खबरें सामने आने के बाद से इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार काफी दबाव में है।
विदेशी पुलिस विशेषज्ञों के अनुसार, एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान, (पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद) कुरैशी भाग लेने वाले देशों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि उसने आतंकी फंडिंग पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था के निदेर्शानुसार पर्याप्त कदम उठाए हैं और चीन उसके प्रयासों का समर्थन करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कुरैशी इन देशों को यह विश्वास दिलाएंगे कि आतंकवाद के मुद्दे पर वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को पाकिस्तान की मिलीभगत के बारे में पूरी तरह से पता है, जो मुख्य रूप से भारत के खिलाफ अपने संरक्षण और पोषण के तहत संचालित नामित और खतरनाक आतंकवादी समूहों के साथ हैं। जिसमें आतंकवाद को अपनी विदेश नीति के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि पाकिस्तान अपने प्रयास में सफल नहीं होगा क्योंकि आतंकी संगठनों के साथ उसकी सांठगांठ पहले ही उजागर हो चुकी है।
समूह लश्कर और जेईएम अपने ठिकानों को आईएसआई और इमरान खान के निर्देश के अनुसार दक्षिणी अफगानिस्तान में स्थानांतरित कर रहे हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके या एफएटीएफ में बचाव के बहाने उपलब्ध कराया जा सके। यह अन्यथा खुद को सही नहीं ठहरा सकता है।
त्रिगुणायत ने आईएएनएस से कहा, पाकिस्तान नहीं बदलेगा और उसके संरक्षण में अफगानिस्तान में हा रहा बदलाव भारत, क्षेत्र और दुनिया के लिए कहीं अधिक बड़ी चुनौतियां हो सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, इमरान खान 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लेंगे और कुरैशी इस सत्र के दौरान चीन, तुर्की, रूस, सऊदी अरब, कतर, आयरलैंड, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रिया और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Rashmi Desai Fat-Shamed: फैट-शेमिंग करने वाले ट्रोलर्स को रश्मि देसाई ने दिया करारा जवाब, कही ये बातें
-
Sonam Kapoor Postpartum Weight Gain: प्रेगनेंसी के बाद सोनम कपूर का बढ़ गया 32 किलो वजन, फिट होने के लिए की इतनी मेहनत
-
Randeep Hooda: रणदीप हुडा को मिला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, सोशल मीडिया पर जताया आभार
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी