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किसान आंदोलन पर नितिन गडकरी बोले- हमारी सरकार किसानों को समर्पित, नहीं होगा अन्याय

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारी सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है.

Updated on: 15 Dec 2020, 08:57 AM

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारी सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. नितिन गडकरी ने कहा है कि किसानों को इन कानूनों को समझना होगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को समझाएगी और बातचीत के जरिए रास्ता निकालेगी. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'किसानों को तीनों कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए, हमारे कृषि मंत्री इसके लिए तैयार हैं. हमारी सरकार गांव, गरीब, मजदूर, किसान के हितों के​लिए समर्पित है, जो भी नए सुझाव वो (किसान) देंगे उसे स्वीकारने के लिए तैयार है. हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.

विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा, 'कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'राजनीतिक नेताओं का राजनीति करने का अधिकार है. सही बात राजनीतिक पार्टियां बताएं, किसान संगठन या किसान बताएं हम वो बदलाव करने के लिए तैयार हैं. इस विषय को सब राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों की भलाई होगी.'

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अन्ना हजारे पर नितिन गडकरी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि अन्ना हजारे जुडेंगे (किसान आंदोलन से), क्योंकि हमने किसानों का कोई अहित नहीं किया. किसानों को मंडी में, व्यापारियों को या कहीं और अपनी उपज बेचने का अधिकार है.' गडकरी ने कहा, 'यदि कोई बातचीत नहीं होती है, तो यह गलतफहमी पैदा कर सकता है. अगर बातचीत होती है तो मुद्दे हल हो जाएंगे, पूरी बात खत्म हो जाएगी. किसानों को न्याय मिलेगा, उन्हें राहत मिलेगी. हम किसानों के हित में काम कर रहे हैं.'

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'हमारे देश में आठ लाख करोड़ के क्रूड ऑयल का आयात है, इसके बजाय हम दो लाख करोड़ की इथेनॉल की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं. अभी वो केवल 20,000 करोड़ की है. अगर ये दो लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनेगी तो एक लाख करोड़ किसानों की जेब में जाएंगे.' उन्होंने कहा, 'आने वाले समय में हवाई जहाज इथेनॉल से बने ईंधन पर चलेंगे और पैसा किसानों को जाएगा. यह हमारा विजन और सपना है.'