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S Jaishankar ( Photo Credit : Social Media)
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S Jaishankar ( Photo Credit : Social Media)
S Jaishankar on China: चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नाम बदलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ड्रैगन को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सेना जानती है कि उन्हें वहां क्या करना है. विदेश मंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होता. अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह घर मेरा हो जाएगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को गुजरात के सूरत में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने दो टूक कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था और भविष्य में भी रहेगा.
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'अगर मैं आपके घर नाम बदल दूं तो..'
सूरत में पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा. अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? उन्होंने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा. नाम बदल देने से कुछ नहीं होता है और न ही इससे कोई प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि, "आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (LAC) तैनात है. सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है." बता दें कि इससे पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक और विवादित कदम उठाया. चीन ने राज्य पर अपना दावा पेश करते हुए अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नए नामों की चौथी सूची जारी कर दी.
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चीन ने बदले अरुणाचल के 30 स्थानों के नाम
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया कि चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और राज्य पर दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अपना दावा करता है. वहीं मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के लिए अतिरिक्त नाम दिए गए. रिपोर्ट में कहा गया कि चीन ने नए नाम एक मई से प्रभावी होने की जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी भाषाओं में ऐसे नाम जो चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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चीन ने पहले भी बदले कई स्थानों के नाम
बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर इस तरह की गुस्ताखी की हो. इससे पहले भी चीन राज्य के 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा कर चुका है. चीन ने सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों के नामों की सूची 2017 में जारी की थी. जबकि 15 स्थानों के नए नामों की दूसरी सूची 2021 में और इसके बाद 11 स्थानों के नाम बदलने की लिस्ट 2023 में जारी की थी.
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