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पीएम मोदी ने लगवाया कोरोना का टीका, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल हुए विपक्षी नेता

विपक्ष ने कोरोना की वैक्सीन पर सवाल उठाया था. पीएम मोदी ने जैसे ही कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाकर लोगों ने विपक्षी नेताओं को ट्रोल करना शुरू कर दिया.

Updated on: 01 Mar 2021, 06:26 PM

highlights

  • पीएम मोदी ने लगवाया कोरोना का टीका
  • सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए विपक्षी नेता
  • विपक्ष ने वैक्सीन को लेकर की थी राजनीति

नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने जैसे ही आज कोविड-19 की वैक्सीन लगवाई, उन तमाम लोगों का मुंह बंद हो गया जो वैक्सीन को लेकर सवाल उठा रहे थे. जब भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई थी तब सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने एक बयान देकर कोवैक्सीन पर सवाल उठाया था. 3 जनवरी को अदार पूनावाला ने अपने बयान में सिर्फ ऑक्सफोर्ड, मॉर्डना और फाइजर की वैक्सीन को सुरक्षित बताया और अन्य को पानी की तरह बताया था. ये बयान भारत बायोटैक को नागवार गुजरा, जिसके बाद भारत बायोटेक के डॉ. कृष्णा एल्ला ने कहा कि उन्हें ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी.

डॉ. एल्ला ने कहा था कि हमने अपना काम ईमानदारी से किया है. लेकिन कोई हमारी वैक्सीन को पानी कहे तो बिल्कुल मंजूर नहीं होगा. हम भी वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अपना काम किया है. कुछ लोगों के जरिए वैक्सीन का राजनीतिकरण किया जा रहा है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.' वैक्सीन निर्माताओं की इस बयानबाजी पर कई राज्य सरकारों और नेताओं ने चिंता व्यक्त की थी और केंद्र सरकार के दखल देने की बात कही थी. 

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भारतीय राजनीति में अब एक दौर चल गया है कि चाहे जो भी हो विपक्ष को हर मुद्दे का विरोध करना है. तभी तो विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक या फिर कोरोना की वैक्सीन सभी पर सवाल उठाया. केंद्र सरकार के विरोध में विपक्षी नेता भूल गए कि वे कोरोना वैक्सीन का विरोध करके सरकार का नहीं बल्कि देश के वैज्ञानिकों का अपमान कर रहे हैं. आज हम आपको बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन को लेकर किस नेता ने क्या कहा था. सबसे पहले 23 नवंबर को राहुल गांधी ने वैक्सीन पर शंका करते हुए पीएम मोदी से 4 सवाल पूछे थे. 

सवाल 1- कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों में से भारत सरकार ने किसे और क्यों चुना है ?

सवाल 2- वैक्सीन किसे सबसे पहले दिया जाएगा और इसे लगाने की रणनीति क्या होगी ?

सवाल 3- लोगों को मुफ्त में यह वैक्सीन उपलब्ध हो सके, क्या इसके लिए पीएम केयर फंड का इस्तेमाल किया जाएगा?

सवाल  4- कब तक सभी भारतीयों को यह वैक्सीन मिल जाएगा? राहुल गांधी ने यह सवाल अपने ट्विटर अकाउंट पर डाले हैं?

इन सवालों को पूछते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि पीएम को देश को इन सवालों का जवाब जरुर देना चाहिए. 24 नवंबर को मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि 'वैक्सीन कब आएगी, यह सरकार नहीं तय कर सकती है. यह वैज्ञानिकों के हाथों में है. कुछ लोग इसे लेकर राजनीति करते हैं.' मोदी ने कहा कि किसी को राजनीति करने से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ मुद्दे राजनीति के लिए नहीं होते हैं. 

3 दिसंबर को राहुल गांधी ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर हमला करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी के लिए टीका उपलब्ध होगा. बिहार चुनाव में भाजपा कहती थी कि प्रदेश में सभी के लिए कोरोना का टीका मुफ्त में उपलब्ध होगा. अब भारत सरकार का कहना है कि उसने कभी ऐसा नहीं कहा कि सभी को टीका मिलेगा. आखिर प्रधानमंत्री का रुख क्या है? 23 दिसंबर को राहुल गांधी ने एक बार फिर से सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दुनिया की 23 लाख जनता को कोविड वैक्‍सीन का डोज मिल चुका है. चीन, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन में वैक्‍सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है. भारत का नंबर कब आएगा, मोदी जी? 

बीजेपी की वैक्सीन पर भरोसा नहीं- अखिलेश

विपक्षी नेताओं की बात चले और अखिलेश यादव पीछे रह जाए, ये तो हो नहीं सकता. कोरोना महामारी में भी राजनीति चमकाने वालों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी एक थे. अखिलेश ने वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन तक कह दिया था. 2 जनवरी 2021 को अखिलेश ने कहा कि 'मैं तो नहीं लगवाऊंगा अभी वैक्सीन, मैंने अपनी बात कह दी. अखिलेश ने कहा था कि वैक्सीन बीजेपी लगाएगी तो उसका वो भरोसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अपनी सरकार आएगी तो सबको फ्री वैक्सीन लगेगी. हम बीजेपी का वैक्सीन नहीं लगवा सकते.'

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अखिलेश को बीजेपी का जवाब

उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'अखिलेश यादव जी को टीका पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेश वासियों को उन पर पर भरोसा नहीं है. उनका टीके पर सवाल उठाना, हमारे देश के चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों का अपमान है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए'

ममता बनर्जी भी पीछे नहीं रहीं

11 जनवरी 2021 को जब पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद कर रहे थे तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वैक्सीन को लेकर चिंता जाहिर की थी. ममता बनर्जी ने सवाल किया कि क्या केंद्र द्वारा दोनों टीकों (कोविशील्ड और कोवैक्सिन) को लेकर वैज्ञानिकों से पर्याप्त राय ली गई है.  क्या पर्याप्त संख्या में टीकाकरण से पहले दोनों टीकों का ट्रॉयल किया गया. वैक्सीनेशन से पहले पुख्ता अध्ययन की जरूरत है.  क्या वैक्सीनेशन के बाद इसका कोई दुष्प्रभाव हो सकता है?

2 जनवरी 2021 को तेजप्रताप यादव ने भी वैक्सीन को लेकर कहा था कि पहले मोदीजी टीका लगवा लें, फिर हम भी लगवा लेंगे. वहीं आज से वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है. इस चरण में 60 साल से ऊपर के नागरिक और 45 साल के गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा.