वर्ल्ड म्यूजिक डे के मौके पर गुरु रंधावा ने रिलीज किया नया गाना 'फ्रॉम एजेस'
Uttarakhand: सीएम धामी ने की राज्य की पहली योग नीति की शुरुआत, कहा- योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाएंगे
एफपीआई प्रवाह में स्थिरता, सेबी विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठा रहा कदम : बाजार विश्लेषक
बीएसएफ ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सीमावर्ती क्षेत्रों में आयोजित किए भव्य योग शिविर
नोएडा : अवैध खनन और अपराध नियंत्रण को लेकर कमिश्नर की कड़ी कार्रवाई, कई एसएचओ हटाए गए
अहमदाबाद में 148वीं रथयात्रा की तैयारी तेज, क्राइम ब्रांच ने सुरक्षा को लेकर अपनाई हाई-टेक रणनीति
‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की फेमस जोड़ी हुई अलग, शादी के 15 साल बाद रिश्ते में आई दरार
छत्तीसगढ़ में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने की अनूठी पहल, सीएम साय ने ‘गजरथ यात्रा’ का किया शुभारंभ
गौतमबुद्धनगर : 5 महीने में ही 74,550 बाइट केस दर्ज, स्ट्रीट डॉग्स के काटने के सबसे ज्यादा मामले

कोरोना कहर के बीच एक और वायरस ने दी दस्तक, अब तक सात लोगों की मौत, जानें उसके लक्षण

पूरी दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है. इसका इलाज अभी तक किसी के पास नहीं है. पूरा विश्व इसका कारगर समाधान निकालने में जुटा है. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिला. वहीं दूसरी तरफ एक खबर है जो और विचलित करती है. अभी कोरोना के कहर पर अंकुश लगा भी नहीं कि

पूरी दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है. इसका इलाज अभी तक किसी के पास नहीं है. पूरा विश्व इसका कारगर समाधान निकालने में जुटा है. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिला. वहीं दूसरी तरफ एक खबर है जो और विचलित करती है. अभी कोरोना के कहर पर अंकुश लगा भी नहीं कि

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
patient

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

पूरी दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है. इसका इलाज अभी तक किसी के पास नहीं है. पूरा विश्व इसका कारगर समाधान निकालने में जुटा है. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिला. वहीं दूसरी तरफ एक खबर है जो और विचलित करती है. अभी कोरोना के कहर पर अंकुश लगा भी नहीं कि एक और वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस से अबतक चीन में सात लोगों की मौत हो चुकी है. 60 लोगों को अपने चपेट में ले लिया है. बता दें कि एक कीड़े टिक (Tick) के काटने से वहां नया वायरस फैल रहा है. टिक-जनित वायरस के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (एसएफटीएस) के साथ गंभीर बुखार ने चीन के स्वास्थ्य महकमे को परेशानी में ला दिया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने भारतीय चौकियों को बनाया निशाना तो Indian Army ने दिया ऐसे जवाब

वायरस संक्रमित लोगों में 30 फीसदी मरीजों की मौत हो सकती है

वहीं शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट के अनुसार वायरस संक्रमित लोगों में 30 फीसदी मरीजों की मौत हो सकती है. रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए चीन के सूचना प्रणाली के अनुसार, वर्तमान मामले में मृत्यु दर लगभग 16 से 30 प्रतिशत के बीच है. यह वायरस टिक नाम के कीड़े के काटने की वजह से मनुष्यों में फैल रहा है. चीनी वायरस विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरस के मानव-से-मानव संक्रमण को खारिज नहीं किया जा सकता है. SARS-CoV-2 के विपरीत, यह पहली बार नहीं है जब SFTS वायरस ने लोगों को संक्रमित किया है. वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक दशक पहले की थी. 2009 में हुबेई और हेनान प्रांतों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ऐसे कुछ मामले सामने आए थे.

यह भी पढ़ें- कोरोना काल में मदद करने के लिए विदेश में प्रशिक्षित डॉक्टरों ने छूट देने की अपील की

ऐसे लक्षण आने पर डॉक्टर से करें संपर्क

बीमारी से पीड़ित होने पर मरीजों को बुखार, थकान, ठंड, सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी, एनोरेक्सिया, मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस की वजह से मरीज में कम प्लेटलेट काउंट और ल्यूकोसाइटोपेनिया की समस्या आती है. ज्यादा गंभीर मामलों में पीड़ित मरीज के शरीर में कई अंग काम करना बंद कर देता है. मरीज को रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है और तंत्रिका तंत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. यह वायरस जापान, दक्षिण कोरिया सहित कई अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी मिल चुका है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली की 12 वर्षीय रेप पीड़िता की हालत बेहद गंभीर, AIIMS न्यूरोसर्जरी आईसीयू में किया शिफ्ट

2013 में दक्षिण कोरिया में इस वायरस से संक्रमित 36 लोगों की पुष्टि हई थी

साल 2013 में दक्षिण कोरिया में इस वायरस से संक्रमित 36 लोगों की पुष्टि हई थी. रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में आंकड़ा बढ़कर 270 के करीब पहुंच गया. इस बीच, चीन ने 2010 में 71 और 2016 में 2,600 मामले दर्ज किए. जापान में 2016 और 2017 में इस वायरस के संक्रमण की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जब तीनों देशों में मामलों की संख्या बढ़ने लगी, तो सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थानीय डॉक्टरों और आम नागरिकों को टिक काटने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में शिक्षित करना शुरू कर दिया. वैज्ञानिकों ने बताया कि इस घातक वायरस और इससे होने वाली बीमारी के बारे में लोगों को जाकरुक करने के बाद संक्रमण की घातक दर में काफी गिरावट आई.

Tick corona death Chinese virus china
      
Advertisment