Russia-Ukraine War पर भारतीय रुख को लेकर समझ की कमीः जयशंकर
जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ एक प्रेस वार्ता में बार-बार इस पर सवालों का सामना करना पड़ा कि भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करने से इनकार कर दिया और रूस से ऊर्जा की खरीद जारी रखी.
highlights
- एस जयशंकर और राजनाथ सिंह को रूस-यूक्रेन युद्ध पर झेलने पड़े सवाल
- बाइडन प्रशासन ने रूस से ईंधन खरीद पर भारतीय रुख को समझा
वॉशिंगटन:
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति पर अमेरिकी वातार्कारों के साथ अपनी बैठकों में मिली समझ के स्तर पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में इसके लगातार अभाव रहने पर उन्होंने निराशा व्यक्त की. जयशंकर ने कहा, 'प्रशासन के लोग, नीति से जुड़े लोग, वे अच्छी तरह से वाकिफ हैं और कई मायनों में वे समझते हैं कि भारत कहां से आ रहा है. पब्लिक नैरेटिव कभी-कभी बहुत अलग होती है.' गौरतलब है कि जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ इन सवालों का सामना करना पड़ा कि भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करने से इनकार कर दिया और रूस से ऊर्जा की खरीद जारी रखी.
रूस से ईंधन खरीद पर अमेरिका में एक वर्ग को नाराजगी
जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ एक प्रेस वार्ता में बार-बार इस पर सवालों का सामना करना पड़ा कि भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करने से इनकार कर दिया और रूस से ऊर्जा की खरीद जारी रखी. अमेरिकी सांसदों और विशेषज्ञों के बीच भारत की आलोचना की भी होने लगी है. जयशंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि आज, पॉलिसी और नैरेटिव के बीच एक अंतर है और आप जानते हैं, हम इसे कैसे कम करते हैं और इसे कैसे पाटते हैं.' जबकि जो बाइडेन प्रशासन ने रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों और रूसी सैन्य हार्डवेयर पर इसकी लंबे समय से निर्भरता के बारे में समझ व्यक्त की है, अमेरिकी मीडिया और सांसदों के बीच आक्रमण की निंदा करने के लिए भारत के दृढ़ इनकार पर और रूसी गैस खरीदना जारी रखने के लिए नाराजगी का एक प्रकोप हुआ है.
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भारत युद्ध के खिलाफ अपना रुख कर चुका है स्पष्ट
हालांकि, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह युद्ध के खिलाफ है और सभी मुद्दों को हल करने के लिए राजनयिक चैनलों के उपयोग का समर्थन करता है. भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी प्रदान की है और हाल ही में यूक्रेन के बुका शहर में नागरिकों की हत्या की निंदा की है और एक स्वतंत्र जांच का आह्वान किया है. जिन अमेरिकी सांसदों ने रूसी हमलों की निंदा करने से भारत के इनकार की आलोचना की है, उनमें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के एक भारतीय-अमेरिकी सदस्य रो खन्ना हैं. उन्होंने मार्च में कांग्रेस की एक सुनवाई में कहा था, 'सबसे पहले, भारत को संयुक्त राष्ट्र में (व्लादिमीर) पुतिन की मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के लिए निंदा करनी चाहिए. दूसरा, उन्हें यह महसूस करने की जरूरत है कि उन्हें पक्ष चुनना होगा.' जयशंकर ने विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय बैठक के चौथे संस्करण के लिए वाशिंगटन डीसी की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंत में भारतीय मीडियाकर्मियों से बात की.
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