Colombo संकट का फायदा मिल रहा South India के बंदरगाहों को
लंबो में छाई अनिश्चितता का सबसे ज्यादा फायदा कोचीन बंदरगाह को मिला है. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि हाल के सालों में कोचीन बंदरगाह पर कार्गो की आमद बढ़ती रही है.
highlights
- मार्च 2022 में आईसीटीटी पर आमद 13,609 कंटेनर दर्ज की गई
- कोलंबो संकट का सर्वाधिक फायदा कोचीन बंदरगाह को भी मिला
- आने वाले समय में विझिनजाम बंदरगाह कार्गो शिपमेंट में होगा आगे
नई दिल्ली:
राजनीतिक और आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका (Sri Lanka) और इस कारण कोलंबो बंदरगाह (Ports) पर लगभग ठप पड़े कामकाज का सीधा फायदा दक्षिण भारत खासकर कोच्चि (Kochi) के वल्लार्पदम स्थित इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल को हुआ है. सिर्फ मार्च के महीने में भी आईसीटीटी का कार्गो (Cargo) ट्रैफिक 62 फीसद बढ़ गया है. इसके साथ ही कोचीन बंदरगाह पर भी कार्गो शिपमेंट की आवाजाही खासी बढ़ गई है. कोचीन (Cochin) बंदरगाह द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार बीस फुट यूनिट बराबर वाले कार्गो की मार्च 2022 में आईसीटीटी पर आमद 13,609 कंटेनर दर्ज की गई, जबकि बीते साल यही दर 8,394 कंटेनर थी.
आंकड़े बता रहे बढ़ा है कार्गो
जाहिर है कोलंबो में छाई अनिश्चितता का सबसे ज्यादा फायदा कोचीन बंदरगाह को मिला है. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि हाल के सालों में कोचीन बंदरगाह पर कार्गो की आमद बढ़ती रही है. खासकर 2020 के अंत से कंटेनर शिपमेंट की आवाजाही में तेज वृद्धि देखी गई. 2020-21 में 86,761 टीईयू आमद हुई, जो 2019-20 में महज 36,183 टीईयू थी. यह वृद्धि 140 फीसदी थी. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2021-22 में 1,56,159 टीईयू कार्गो बंदरगाह पर उतरा. यह दर 80 फीसदी रही थी, जिसके लिए एड-हॉक जहाजों के साथ नए सेवाओं की शुरुआत को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. कार्गो की आवाजाही में यह वृद्धि इस साल भी जारी रहने की उम्मीद जताई गई है.
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निर्माणाधीन विझिनजाम बंदरगाह को मिलेगा फायदा
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कुछ कार्गो कंपनियों ने कोलंबो में स्थिति को देखते हुए अपने कार्गो भेजने बंद कर दिए हैं. बताते हैं कि दूसरे बंदरगाहों पर कार्गो उतारने के काम में अनुबंध के चलते थोड़ा वक्त लग रहा है. हालांकि इतना तय माना जा रहा है कि कोलंबो के अस्थिर हालातों का सबसे ज्यादा फायदा केरल को मिलेगा. खासकर विझिनजाम बंदरगाह को, जो फिलवक्त निर्माणाधीन है. इसकी वजह यह है कि यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय समुद्र मार्ग के काफी नजदीक है. विझिनजाम बंदरगाह के साथ ही राज्य में अन्य छोटे बंदरगाहों को भी अपग्रेड किया जा रहा है ताकि कार्गो की आवाजाही में कोई दिक्कत नहीं आए. ऐसी भी खबरें हैं कि थूथुकुडी, चेन्नई और मुंद्रा पोर्ट को भी श्रीलंका संकट से खासा फायदा हो रहा है.
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