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एन वी रमना होंगे देश के अगले CJI, जस्टिस एस ए बोबडे ने सरकार को भेजी सिफारिश

परंपरा के मुताबिक मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (SA Bobde) ने कानून मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) को पत्र लिखकर दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस एन वी रमना को अगला चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है.

Updated on: 24 Mar 2021, 11:52 AM

highlights

  • चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने सरकार से दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस एन वी रमना को अगला चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की
  • मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे 23 अप्रैल 2021 को रिटायर हो रहे है. उनके बाद जस्टिस रमना देश के 48 वें चीफ जस्टिस होंगे

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के अगले मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) जस्टिस एन वी रमना (NV Ramana) होंगे. मौजूदा मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे (SA Bobde) ने उनके नाम की सिफारिश की है. परंपरा के मुताबिक मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (SA Bobde) ने कानून मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) को पत्र लिखकर दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस एन वी रमना को अगला चीफ जस्टिस  बनाने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे 23 अप्रैल 2021 को रिटायर हो रहे है. उनके बाद जस्टिस रमना देश के 48 वें चीफ जस्टिस होंगे.

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गौरतलब है कि जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (SA Bobde) अगले महीने रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में उन्होंने अपने उत्तराधिकारी का नाम का सुझाव सरकार को दिया है. मौजूदा सीजेआई एसए बोबडे के रिटायर होने में कम समय रहने की वजह से सरकार ने नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. सरकार ने इसी क्रम में मौजूदा मुख्य न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी गई थी. जस्टिस एसए बोबडे ने इस सिफारिश पर अपने उत्तराधिकारी के तौर पर एनवी रमना के नाम की सिफारिश कर दी है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने हाल ही में पत्र भेजकर रिटायर होने जा रहे जस्टिस बोबडे से नए मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश मांगी थी. बता दें कि जस्टिस बोबडे ने 2019 में तत्काली मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का स्थान लिया था. 24 अप्रैल 1956 में महाराष्ट्र के नागपुर में न्यायमूर्ति बोबडे का जन्म हुआ था. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कला एवं कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की है. 1998 में न्यायमूर्ति बोबडे वरिष्ठ अधिवक्ता बने. उन्होंने 21 साल तक नागपुर पीठ में सेवाएं दीं. जस्टिस बोबडे कई अहम मामलों में फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रहे है. इनमें अयोध्या भूमि विवाद, निजता का अधिकार को मौलिक अधिकार और आधार को लेकर दिए अहम फैसले शामिल हैं.