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कश्मीर में पाकिस्तान से आए स्टिकी बमों ने उड़ाई सुरक्षा बलों की नींद

आकार में छोटे और चुंबक की तरह किसी भी वाहन में चिपक जाने वाले घातक स्टिकी बम हालिया दिनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की छापेमारी में बरामद किए गए हैं.

Updated on: 01 Mar 2021, 07:01 AM

highlights

  • स्टिकी बम के जरिये अफगानिस्तान में तालिबान ने कहर बरपाया
  • कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक महीने 15 स्टिकी बम बरामद किए
  • आकार में छोटे और चुंबक के जरिये किसी वाहन से चिपक जाते हैं

नई दिल्ली:

कई दशकों से जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवाद का सामना कर रहे भारतीय सुरक्षा बलों और एजेंसियों के सामने अब एक नई चुनौती आकर खड़ी हो गई है. यह चुनौती है स्टिकी बम (Sticky Bomb) की, जिसके जरिये अफगानिस्तान में तालिबान ने बड़े पैमाने पर कहर बरपाया है. आकार में छोटे और चुंबक की तरह किसी भी वाहन में चिपक जाने वाले घातक स्टिकी बम हालिया दिनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की छापेमारी में बरामद किए गए हैं. इन बमों को वाहन से चिपकाने के बाद रिमोट के जरिए सक्रिय किया जा सकता है. माना जा रहा है कि छोटे स्टिकी बमों को पाकिस्तान (Pakistan) के जरिये भारत में ड्रोन और सीमा पार से तस्करी के जरिये भेजा गया है. 

क्या होते हैं स्टिकी बम
स्टिकी बम छोटे होते हैं और इनमें चुंबक लगी होती है, जिसकी वजह से इन्हें गाड़ियों में आसानी से चिपकाया जा सकता है और दूर से ही धमाका किया जा सकता है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कश्मीर घाटी के पुलिस प्रमुख विजय कुमार ने कहा, 'ये छोटे आईईडी और काफी शक्तिशाली हैं. यह निश्चित रूप से वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को प्रभावित करेंगे क्योंकि कश्मीर घाटी में पुलिस और सुरक्षाबलों के वाहनों की आवाजाही अधिक होती है.' कश्मीर में सुरक्षाबलों ने इस महीने 15 स्टिकी बम बरामद किए हैं, जिससे उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं. अफगानिस्तान में विस्फोट करने के लिए तालिबानी अधिक समय इन्हीं बमों का इस्तेमाल करते हैं.

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अफगानिस्तान में बरपाया है कहर
अफगानिस्तान में हाल के महीनों में सुरक्षाबलों, न्यायाधीशों, सरकारी अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए स्टिकी बमों का इस्तेमाल किया गया. इसका मकसद आम जनता की बीच भय पैदा करना भी देखा गया. एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में जब्त किए गए किसी भी स्टिकी बम को यहां नहीं बनाया गया. इनको पाकिस्तान से लाया गया है. इन बमों को या तो सुरंग के रास्ते या फिर ड्रोन के मदद से पाकिस्तान से कश्मीर भेजा गया. अधिकारियों ने कहा कि बम विशेष रूप से चिंताजनक हैं, क्योंकि उनमें मैग्नेट का उपयोग किया गया और उन्हें वाहनों से आसानी से जोड़ा जा सकता है.

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चर्चित हस्तियों को बनाया निशाना
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में बम धमाकों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीते कई महीनों से लगभग हर रोज ही किसी न किसी को निशाना बनाया जा रहा है. आतंकी खासतौर से पुलिस, नेता, मीडियाकर्मियों की जान लेने पर तुले हुए हैं. काबुल में बुधवार को भी ऐसी ही एक घटना हुई. आतंकियों ने चुंबक बम का इस्तेमाल करते हुए काबुल के पुलिस चीफ को ही उड़ा दिया. अफगानिस्तान में लगातार हो रहे धमाकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं. मंगलवार को पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ डिजिटल माध्यम से हुई एक बैठक के दौरान चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि हर अफगान भाई और बहन को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत आपके साथ खड़ा है. आपके धैर्य, साहस और संकल्प की यात्रा के हर कदम पर, भारत आपके साथ रहेगा.