logo-image

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- बेटी का भी हर हाल में बेटे के बराबर संपत्ति में हक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में साफ किया है कि वो बेटी भी पिता की सम्पति में बराबर के हिस्से की अधिकारी होगी, जिनके पिता की मौत साल 2005 से पहले हुई हो.

Updated on: 11 Aug 2020, 01:13 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में साफ किया है कि वो बेटी भी पिता की सम्पति में बराबर के हिस्से की अधिकारी होगी, जिनके पिता की मौत साल 2005 से पहले हुई हो. दरसअल साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में संशोधन किया गया था ताकि बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा दिया जा सके. हालांकि अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक अगर पिता की मौत इस संसोधन के होने से पहले यानि 2005 से पहले हो चुकी होती थी तो पिता की पैतृक सम्पति में बेटियों को हिस्सेदारी नहीं मिलती थी.

यह भी पढ़ें: LIVE: कोरोना की स्थिति पर पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक जारी

ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि  वो बेटी भी पिता की सम्पति में बराबर के हिस्से की अधिकारी होगी, जिनके पिता की मौत साल 2005 से पहले हुई हो.

यह भी पढ़ें: BJP सांसद साक्षी महाराज को पाकिस्तानी नंबर से आया फोन, मिली जान से मारने की धमकी

यानि अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक अगर पिता की मौत इस संसोधन के आने  से पहले यानि 9 सितंबर 2005 से पहले हो चुकी होती थी तो पिता की पैतृक सम्पति में बेटियों को हिस्सेदारी नहीं मिलती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस फैसले के जरिये बेटियों के अधिकार और स्पष्ठ, मज़बूत हुए  हैं. जस्टिस मिश्रा ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि एक बेटी हमेशा के लिए बेटी होती है