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COVID-19 संक्रमण ने नहीं, इससे जुड़े दूसरे कारणों ने ले ली 300 से अधिक जान

लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान मौत के 300 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जो सीधे-सीधे तो कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े नहीं हैं, लेकिन इससे जुड़ी अन्य समस्याएं इनका कारण हैं.

Updated on: 08 May 2020, 10:01 AM

highlights

  • 80 लोगों ने अकेलेपन से घबरा कर खुदकुशी कर ली.
  • सड़क दुर्घटनाओं में 51 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई.
  • शराब नहीं मिलने से 45 लोगों की मौत हो गई.

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान मौत के 300 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जो सीधे-सीधे तो कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े नहीं हैं, लेकिन इससे जुड़ी अन्य समस्याएं इनका कारण हैं. शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह खुलासा किया है. अध्ययन में दो मई तक हुए मौत के मामलों को ही शामिल किया गया है. इसके बाद भी कई लोगों की मौत लॉकडाउन या कोरोना वायरस से जुड़ी समस्याओं के कारण हुई है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) जिले में शुक्रवार को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 17 प्रवासी मजदूरों की मौत ऐसे मामलों की ताजा कड़ी है.

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खुदकुशी, सड़क दुर्घटनाओं ने ली जानें
शोधकर्ताओं के समूह में पब्लिक इंटरेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट तेजेश जीएन, सामाजिक कार्यकर्ता कनिका शर्मा और जिंदल ग्लोबल स्कूल ऑफ लॉ में सहायक प्रोफेसर अमन शामिल हैं. इस समूह का दावा है कि 19 मार्च से लेकर दो मई के बीच 338 मौतें हुईं है, जो लॉकडाउन से जुड़ी हुई हैं. आंकड़े बताते हैं कि 80 लोगों ने अकेलेपन से घबरा कर और संक्रमित पाए जाने के भय से खुदकुशी कर ली. इसके बाद मरने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है प्रवासी मजदूरों का. बंद के दौरान जब ये अपने घरों को लौट रहे थे तो विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में 51 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई.

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शराब नहीं मिलने से भी मरे सबसे ज्यादा
विड्रॉल सिम्टम्स (शराब नहीं मिलने से) से 45 लोगों की मौत हो गई और भूख एवं आर्थिक तंगी से 36 लोगों की जान गई. शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा, संक्रमण से डर से, अकेलेपन से घबरा कर, आने-जाने की मनाही से बड़ी संख्या में लोगों ने आत्महत्याएं की हैं. बयान में कहा गया, उदाहरण के तौर पर विड्रॉल सिम्टम्स से ठीक तरह से निपट नहीं पाने से सात लोगों ने आफ्टर शेव लोशन अथवा सेनेटाइजर पी लिया, जिससे उनकी मौत हो गई. कंटेनमेंट सेंटर्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने संक्रमण के भय से, परिवार से दूर रहने की उदासी जैसी हालात में आत्महत्या कर ली अथवा उनकी मौत हो गई.

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इनसे निकाला निष्कर्ष
इस समूह ने समाचार पत्रों, वेब पोर्टलों और सोशल मीडिया की जानकारियों को मिला कर ये आंकड़े तैयार किए हैं. उल्लेखनीय है कि देश में कोविड-19 से 56,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए है और मौत का आंकड़ा 1,886 पहुंच चुकी है.