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पूर्वोत्तर के राज्य विकास परियोजनाओं का ले रहे हैं लाभ, विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चीन अपने बेबुनियाद दावों को जितनी बार चाहे दोहरा सकता है. लेकिन इससे सच बदल नहीं जाएगा.

Updated on: 29 Mar 2024, 12:01 AM

नई दिल्ली:

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन अपने निराधार दावों को जितनी बार चाहे दोहरा सकता है. लेकिन उससे स्थिति नहीं बदलेगी. आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय का ये बयान उस समय आया है जब चीन अरुणाचल पर दावा किया है.  गुरुवार को वीकली मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर हमारी स्थिति बार-बार स्पष्ट की गई है. हमने हाल ही में इस संबंध में बयान भी जारी किए हैं. 

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चीन अपने बेबुनियाद दावों को जितनी बार चाहे दोहरा सकता है. लेकिन इससे सच बदल नहीं जाएगा. इससे स्थिति बदलने वाली नहीं है. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. आपको बता दें कि रणधीर जयसवाल का बयान उस समय आया है जब चीन द्वारा फिर से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करने के कुछ दिनों बाद आया है. 

चीन कर रहा है बेतुका दावा

आपको बता दें कि चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा अवैध रूप से तथाकथित अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा किया गया है जिसे वो कभी स्वीकार नहीं करता और दृढ़ता से विरोध नहीं करता है. आपको बता दें कि चीन भारतीय राज्य को जांगन का नाम दिया है. इसके तहत ये चीन के क्षेत्र का एक अंतरिक हिस्सा करार देता है.

पूर्वोत्तर राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा

इसके बाद भारत ने की ओर से एक बार फिर बेतुके दावों और निराधार तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से फायदा हो रहा है. वहीं, 23 मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि उत्तर-पूर्वी राज्य भारत का हिस्सा है.