अनंतनाग में गैर कश्मीरी की हत्या, शरीर पर कई जगह चोट के निशान

जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों की हत्या का दौर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अनंतनाग में जंगलमंड श्मशान घाट बिलाल कॉलोनी इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों एक गैर स्थानीय नागरिक का शव मिला है.

जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों की हत्या का दौर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अनंतनाग में जंगलमंड श्मशान घाट बिलाल कॉलोनी इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों एक गैर स्थानीय नागरिक का शव मिला है.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Fashion Blogger Murder Case

अनंतनाग में गैर कश्मीरी की हत्या( Photo Credit : न्यूज नेशन)

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में गैर कश्मीरियों की हत्या का दौर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अनंतनाग में जंगलमंड श्मशान घाट बिलाल कॉलोनी इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों एक गैर स्थानीय नागरिक का शव मिला है. शव पर सिर सहित शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं. पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है. अभी इस मामले में आतंक से जुड़ी घटना का कोई एंगल सामने नहीं आया है. मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. कुछ इलाकाई लोगों को मुताबिक शख्स इलाके में घूमता था औऱ वह अस्वस्थ्य था. स्थानीय लोगों का कहना है कि व्यक्ति भीख मांग कर गुजारा करता था. 

Advertisment

यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार को चीन का जवाब, हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर रहा भारत

दरअसल घाटी में सेना के भारी पड़ने पर अब आतंकियों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जो सॉफ्ट टारगेट हैं. ऐसे लोगों में घाटी में रह रहे हिंदू, कश्मीरी पंडित और बाहर से आए लोग शामिल हैं. इस महीने आतंकी 11 आम नागरिकों की हत्या कर चुके हैं, जिनमें से 7 गैर-मुस्लिम हैं. 

मार्च 2010 में कश्मीरी पंडितों को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पूछे गए एक सवाल में बताया गया कि घाटी में 1989 से 2004 के बीच 219 कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई. वहीं, जम्मू-कश्मीर सरकार के माइग्रेंट रिलीफ पोर्टल के मुताबिक, घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ने के बाद 60 हजार से ज्यादा परिवारों ने पलायन किया था. इनमें से 44 हजार परिवारों ने राज्य के राहत-पुनर्वास आयुक्त में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इन 44 हजार परिवारों में 40 हजार 142 हिंदू परिवार, 2 हजार 684 मुस्लिम परिवार और 1 हजार 730 सिख परिवार शामिल हैं. 

Source : News Nation Bureau

jammu-kashmir Advisory on Jammu Kashmir anantnag non kashmiri
      
Advertisment