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ट्रेन में 2021 से खत्म हो जायेगा वेटिंग लिस्ट का चक्कर, मिलेगी कंफर्म सीट

प्रभु ने कहा कि रेलवे ने रेल को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाने के लिए दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल गलियारों पर काम शुरू किया है। प्रभु ने कहा, 'हमने इन दोनों मार्गों पर बुनियादी ढांचा को मजबूत करने तथा सिग्नल प्रणाली को उन्नत बनाने के लिए अगले 3-4 साल में 20,000 करोड़ रुपये खर्च निर्धारित किया है।' रेलवे ने पिछले 2 साल में अपने नेटवर्क में 16,500 किलोमीटर ट्रैक जोड़ा है।

Updated on: 28 Apr 2017, 08:12 PM

नई दिल्ली:

रेलवे की व्यस्त मार्गों पर क्षमता बढ़ाने की योजना अगर परवान चढ़ती है तो 2021 से यात्रियों को उनके पसंदीदा ट्रेनों में सीट पक्की मिलेगी। फिलहाल मांग और ट्रेनों में सीट की उपलब्धता के बीच काफी अंतर है। विशेष रूप से दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई मार्गों पर। इस वजह से कई यात्रियों को वेटिंग टिकट मिलता है। इसका मतलब है कि अगर उनकी टिकट पक्की नहीं हुई यानी सीट नहीं मिली तो यात्री को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।

मांग-आपूर्ति में इस अंतर को पूरा करने के लिए रेलवे व्यस्त मार्गों पर और यात्री ट्रेन पेश करने की योजना बना रहा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि माल गाड़ियों को उनके लिए अलग से बनाए जा रहे गलियारे में स्थानांरित किए जाने से यह संभव हो सकता है। इस पर काम जारी है और व्यस्त मार्ग दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई मार्गों को ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए उन्नत बनाया जा रहा है।

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उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'रेलवे लाइन पर क्षमता से अधिक बोझ है। मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारा बनाए जाने से यात्री ट्रेनों को उच्च गति से चलाने की काफी गुंजाइश है।' मालगाड़ियों के लिए कुल 3,228 किलोमीटर लंबा पूर्वी और पश्चिमी गलियारा दिसंबर 2019 तक परिचालन में आने की उम्मीद है।

प्रभु ने कहा कि रेलवे ने रेल को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाने के लिए दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल गलियारों पर काम शुरू किया है। प्रभु ने कहा, 'हमने इन दोनों मार्गों पर बुनियादी ढांचा को मजबूत करने तथा सिग्नल प्रणाली को उन्नत बनाने के लिए अगले 3-4 साल में 20,000 करोड़ रुपये खर्च निर्धारित किया है।' रेलवे ने पिछले 2 साल में अपने नेटवर्क में 16,500 किलोमीटर ट्रैक जोड़ा है।

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