'बाहुबली 2' देखने से पहले यहां पढ़ें 'बाहुबली: द बिगनिंग' की पूरी कहानी...
2015 में आई फिल्म 'बाहुबली' बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। 650 करोड़ रुपये का कारोबार कर यह फिल्म अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दक्षिण भारतीय फिल्म है।
नई दिल्ली:
एसएस राजमौली की फिल्म 'बाहुबली 2' का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह फिल्म आपको 'बाहुबली: द बिगनिंग' की आगे की कहानी बताएगी, लेकिन अगर आपने पहला पार्ट नहीं देखा है तो शायद 'बाहुबली 2' आपको समझ में ही ना आए। ऐसे में हम आपको यहां 'बाहुबली: द बिगनिंग' की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं, ताकि शुक्रवार को आप फिल्म का पूरा मजा उठा सकेंगे।
'बाहुबली: द बिगनिंग' आपको अतीत में ले जाती है। यह किस दौर की कहानी है, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन आपको हाथ में तीर-कमान लिए योद्धा पुराने जमाने की जरूर याद दिलाएंगे।
बाहुबली एक ऐसा किरदार है, जिसके पास सैकड़ों हाथियों जितनी शक्ति है। जिस विशाल मूर्ति को सैकड़ों मजदूर नहीं संभाल पाते हैं, उसे वह अपनी दोनों भुजाओं के बल पर उठा लेता है। फिल्म की कहानी यहां से शुरू होती है:
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भारत के प्राचीन साम्राज्यों में से एक माहिष्मति की रानी शिवागामी (रमैया कृष्णन) एक विशाल जलप्रपात के निकट की मांद से एक शिशु को गोद लिए बाहर आती है। वह बड़ी निडरता से अपने पीछा करते सिपाहियों को मार डालती है और शिशु की रक्षा की खातिर खुद के प्राण बलिदान कर देती है। स्थानीय ग्रामीण पानी में डूबी रानी के बांह में शिशु को देख लेते हैं और उस बच्चे को सुरक्षित बचा लेते हैं।
शिवा को मिलता है मुखौटा
इस तरह रानी पर्वत की ऊंचाई से गिरते जलप्रपात में डूब कर विलीन हो जाती है। सांगा (रोहिणी) और उसके पति उस शिशु का नाम शिवा रखते हैं और अपने बालक के समान ही परवरिश करते हैं। समय के साथ शिवा (प्रभास) एक बलवान युवक के रूप में बड़ा होता है, जिसकी आकांक्षा पर्वत चढ़ने की रहती है। एक दिन उसे जलप्रपात में बहते हुए किसी युवती का मुखौटा मिलता है। उस युवती की पहचान ढूंढने की चाह में, वह फिर से पर्वत चढ़ाई का प्रयास करता है और आखिरकार वह सफल भी होता है।
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25 सालों से कैद में हैं देवसेना
जलप्रपात के शिखर पर शिवा उस मुखौटे की मालिक अवनतिका (तमन्ना) को खोज निकालता है। एक विद्रोही योद्धा जिसका दल गुरिल्ला पद्धति के जरिए माहिष्मति साम्राज्य के राजा भल्लालदेव/पल्लवाथेवान (राणा दग्गुबती) के विरुद्ध युद्ध लड़ रहा है। दल का लक्ष्य है कि वे पूर्व महारानी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) को छुड़ाए, जिन्हें राजमहल में बीते 25 सालों से ज़जीरों में जकड़ रखा है। यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी अवनतिका को सौंपी गई है।
अमरेंद्र बाहुबली का बेटा है शिवा
अवनतिका को शिवा की यह बात सुन प्रेम होता है कि वह इस जलप्रपात की तमाम मुश्किलों पर चढ़ाई करता हुआ सिर्फ उसके लिए आया है। शिवा अब इस अभियान को अपने जिम्मे लेने वचन देता है और छिपते-छुपाते हुए माहिष्मति में प्रवेश कर देवसेना को कैद से मुक्त कराता है। शिवा उसे छुड़ा लाता है और साथ लेकर भाग निकलता है, लेकिन जल्द ही राजा का शाही गुलाम कट्टप्पा (सत्यराज), जिन्हें बेहतरीन युद्धकौशल के लिए जाना जाता है, उसके पीछे पड़ता है। घात लगाए भद्रा (अदिवि शेष), भल्लाल देव का पुत्र, अचानक ही शिवा के सर पर वार करता है, मगर कटप्पा अपने शस्त्र गिरा देता है जब उसे मालूम होता है कि शिवा असल में महेन्द्र बाहुबली है, दिवंगत राजा अमरेंद्र बाहुबली का बेटा।
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शिवागामी करती हैं परवरिश
फिर यहां भूतकाल में हुए राजा अमरेंद्र बाहुबली की विगत घटनाओं का उल्लेख होता है। अमरेंद्र की माता की मृत्यु उसके जन्म पश्चात होती है, जबकि पिता उससे काफी पूर्व ही गुजर चुके होते हैं। शिवागामी अपने अंगरक्षक कटप्पा के सहयोग से नए राजा चुने जाने तक साम्राज्य के शासन की बागडोर संभालती है। वह अमरेंद्र बाहुबली और भल्लाल देव को समान रूप से परवरिश देती है। उन्हें कला, विज्ञान, छल-विद्या, राजनीति और युद्ध कला जैसे कई विद्याओं और प्रशिक्षण में पारंगत किया जाता है। लेकिन दोनों में ही साम्राज्य के शासन की अभिलाषा भिन्न रहती है। जहां अमरेंद्र बाहुबली का लोगों के प्रति उदारवादी व्यवहार करते है तो भल्लाल देव बेहद कठोर हैं। अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए हर संभव निष्ठुरता बरतता है, यहां तक कि वह बाहुबली की हत्या भी करने की कोशिश करता है।
बाहुबली-भल्लालदेव के बीच प्रतियोगिता
जब माहिष्मति को शत्रु कालाकेयास द्वारा युद्ध की चुनौती मिलती है, शिवागामी वचन देती है कि जो कोई भी कालाकेयास के राजा का सिर काटकर लाएगा उसे नया राजा बना दिया जाएगा। इस तरह दोनों नातिनों के बीच बराबरी से युद्ध साधनों का बंटवारे का आदेश दिया जाता है। लेकिन भल्लाल देव के अपाहिज पिता, बिज्जाला देव (नस्सर), छल-प्रपंच द्वारा भल्लाल को अधिक से अधिक युद्ध साधन मुहैया कराता है। युद्ध में जब माहिष्मति एक दफा असफल होकर अपना अंत समझ लेती है, अमरेंद्र अपने सैनिकों को उसके साथ मृत्यु से ही लड़ने को पुनः प्रेरित करता है। फिर शत्रुओं को कुचलकर युद्ध समाप्त करता है। मगर भल्लाल देव पहले ही कालाकेया के राजा का वध कर देता है, शिवागामी बतौर नये शासक के रूप में अमरेंद्र बाहुबली का चयन उसके युद्ध में श्रेष्ठता और नेतृत्वता के फैसले पर घोषणा करती है तो भल्लाल देव को उसके साहस और पराक्रम के लिए सेनानायक बनाती है।
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कटप्पा ने बाहुबली को मार दिया
इस पूर्व घटनाओं के बाद, जब राजा अमरेंद्र के बारे में प्रश्न किया गया, तो भावुक कटप्पा राजा के देहांत होने की बात कहता है। कटप्पा स्वयं को ही उनकी मृत्यु का जिम्मेदार बताता है। अब आपको आगे की कहानी और कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? ये जानने के लिए बाहुबली 2 देखना पड़ेगा। यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है।
सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म
2015 में आई फिल्म 'बाहुबली' बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। 650 करोड़ रुपये का कारोबार कर यह फिल्म अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दक्षिण भारतीय फिल्म है। एसएस राजामौली द्वारा निर्देशित और अर्का एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित फिल्म में प्रभास के अलावा, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया, सत्यराज और राम्या कृष्णन भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
(विकिपीडिया इनपुट के साथ)
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