केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने की नीति लाने के लिये तैयार है. इसके तहत बंदरगाहों के पास पुनर्चक्रण केंद्र बनाये जा सकते हैं. उन्होंने इस बात का भरोसा जताया कि इस कदम से भारत पांच साल में वाहनों के विनिर्माण में दुनिया भर में अग्रणी बन सकता है. एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'अब, हम वाहन कबाड़ नीति लाने जा रहे हैं. जिसके तहत पुरानी कारों, ट्रकों और बसों को कबाड़ में तब्दील किया जायेगा.’
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के बंदरगाहों की गहराई को 18 मीटर बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही वाहनों को कबाड़ बनाने वाले पुनर्चक्रण संयंत्र बंदरगाहों के पास लगाये जा सकते हैं. इससे प्राप्त सामग्री ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए उपयोगी होगी क्योंकि यह कारों, बसों और ट्रकों की विनिर्माण की लागत को कम करेगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ जायेगी.
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गडकरी ने कहा, 'पांच साल के भीतर, भारत सभी कारों, बसों और ट्रकों का नंबर एक विनिर्माण केंद्र होगा, जिसमें सभी ईंधन, इथेनॉल, मिथेनॉल, बायो-सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक के साथ-साथ हाइड्रोजन ईंधन सेल भी होंगे.' वह उच्च शिक्षा के भविष्य पर एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक को संबोधित कर रहे थे.
Source : Bhasha