शीआन घटना : चीनी आधुनिक इतिहास का मोड़
शीआन घटना : चीनी आधुनिक इतिहास का मोड़
बीजिंग:
पश्चिमोत्तर चीन के शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन में च्येनक्वो सड़क पर एक खास स्थल है, जहां पश्चिमी शैली की तीन इमारतें खड़ी हुई हैं, यहां देशभक्त सेनानायक चांग श्वेल्यांग (1901 -2001) का पुराना निवास स्थान है, और आज शीआन घटना का समृति भवन भी बन चुका है।दिसम्बर 1936 में शीआन नगर में विश्व को अचम्भे में डाल देने वाली एक घटना घटी। यह घटना क्वोमिनतांग सेना के देशभक्त सेनानायक चांग श्वेल्यांग और यांग हूछंग (1893-1949) द्वारा आरंभ की गई थी। दोनों जनरल क्वोमिनतांग सेना के स्थानीय बल के नेता थे और उत्तरपूर्व सेना तथा 17वीं राह सेना के सेनानायक थे।
उस काल में क्वोमिनतांग सेना और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की लाल सेना के बीच गृहयुद्ध जारी था। लेकिन देश को जापानी आक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ रहा था। क्वोमिनतांग सेना के शीर्ष कमांडर च्यांग काईशेक के विचार में विदेशियों के खिलाफ लड़ने से पहले आंतरिक मामलों का समाधान करना चाहिए। उनके आदेशानुसार सेनानायक चांग श्वेल्यांग और यांग हूछंग को उत्तरपूर्व सेना और 17वीं राह सेना का नेतृत्व कम्युनिस्ट पार्टी के विरुद्ध सफाया मुहिम में करना पड़ा, और कई बार उनका सफाया अभियान विफल रहा। उस दौरान देश में जापानी आक्रमण का खतरा दिन-ब-दिन गंभीर हो रहा था। जनरल चांग श्वेल्यांग और यांग हूछंग को लगता था कि गृहयुद्ध से देश को और कठिन स्थिति में फंसना पड़ेगा।
12 दिसम्बर 1936 को राष्ट्र को बचाने और च्यांग काईशेक से विदेशियों के खिलाफ लड़ने से पहले आंतरिक मामलों के समाधान वाली नीति को बदलने तथा गृहयुद्ध बंद करने का सुझाव देने के लिए जनरल चांग श्वेल्यांग और यांग हूछंग ने शीआन नगर में च्यांग काईशेक को बंदी बना लिया। साथ ही उन्होंने समूचे देश में तार भेज कर मांग की कि गृहयुद्ध बंद कर दिया जाए और कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन कर जापानी आक्रमण का मुकाबला किया जाए। यही विश्व को अचम्भे में डाल देने वाली शीआन घटना थी।
शीआन घटना के बाद जनरल चागं शवेल्यांग और यांग हूछंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समित से शांतिवार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने का अनुरोध किया। जापानी आक्रमण के विरुद्ध राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चे की शीघ्र ही स्थापना को गति देने के लिए सीपीसी केंद्रीय समिति ने शीआन घटना को शांतिपूर्ण रूप से हल करने का निर्णय लिया और चओ अनलाई (1898-1976), ये च्येनइंग (1897-1986) और छिन पांगश्येन (1907-1946) से गठित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रतिनिधित्व मंडल शीआन भेजा। सीपीसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य इस लेख के शुरू में उल्लेखित जनरल चांग श्वेल्यांग के भवन में रहते थे।
वार्ता के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जापान के विरुद्ध देश को बचाने के लिए आठ राजनीतिक प्रस्ताव पेश किए। दोनों पक्षों के समान प्रयास के चलते शीआन घटना का शांतिपूर्ण समाधान किया गया। च्यांग काईशेक को गृहयुद्ध बंद करने तथा लाल सेना के साथ मिलकर जापानी आक्रमण का मुकाबला करने आदि 6 शर्तों को स्वीकार करना पड़ा।
शीआन घटना के हल में प्राप्त सफलता को बनाए रखने के लिए चओ अनलाई के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य वीरतापूर्वक शीआन में रुके रहे, उन्होंने विभिन्न पक्षों को निकट लाने में खासा काम किया और जटिल सवालों को सिलसिलेवार हल किया। इससे बिगड़ती स्थिति संभल गई और चीन संभावित गृहयुद्ध से बच गया। शीआन घटना के शांतिपूर्ण समाधान के फलस्वरूप चीन में जापानी आक्रमण-विरोधी राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चे संपन्न हो सका, क्वोमिनतांग पार्टी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच द्वितीय सहयोग लागू किया गया। शीआन घटना चीन में गृहयुद्ध से जापानी आक्रमण-विरोधी युद्ध का मोड़ ही नहीं, देश में विभाजन से एकीकरण का मोड़ और चीनी सामाजिक राजनीति का निरंकुशता से क्रमिक लोकतंत्र की ओर का मोड़ भी था। इसके साथ ही, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने वैध स्थान हासिल किया और विस्तार करने का मौका भी मिला।
शीआन घटना के शांतिपूर्ण हल से देश में 10 साल जारी रहा गृहयुद्ध समाप्त हुआ, और प्रारंभिक शांति प्राप्त हुआ। देशभक्त जनरल चांग श्वेल्यांग और यांग हूछंग चीनी राष्ट्र के इतिहास में मशहूर महानायक बन गए।
चीनी स्वर्गीय अध्यक्ष माओ त्सेतोंग ने कहा था कि शीआन घटना का शांतिपूर्ण समाधान स्थिति में परिवर्तन का केंद्र बन गया। नई स्थिति के तहत घरेलू सहयोग का गठन हुआ और राष्ट्रव्यापी जापानी विरोधी युद्ध शुरू हुआ।
आजकल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है। नए चीन की स्थापना के बाद से लेकर अब तक, चीन में जमीन आसमान का परिवर्तन आ चुका है। खास कर सुधार और खुलेपन की नीति लागू किए जाने के बाद देश भर में सामाजिक और आर्थिक बड़ा विकास हुआ। आज खुशहाल जीवन बिताते समय चीनी लोग चीनी क्रांति और राष्ट्र के उत्थान के लिए महान योगदान देने वाले पूर्वजों को हमेशा याद करते हैं।
(लेखक : थांग युआनक्वे, चाइना मीडिया ग्रुप, शीआन से)
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