Gangotri Dham Yatra: गंगोत्री की यात्रा का बना रहे हैं प्लान, तो यहां पढ़ें पूरी डिटेल
Gangotri Dham Yatra: आज अक्षय तृतीया से चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है. आप अगर इस बार एक ही धाम की यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो जान लें गंगोत्री धाम की यात्रा कैसे करें.
Gangotri Dham Yatra: गंगोत्री यात्रा, चार धाम यात्रा में से एक, हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है. यह यात्रा उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर तक की जाती है, जिसे गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है. गंगोत्री यात्रा आमतौर पर अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच की जाती है, जब मौसम सुखद होता है और सड़कें खुली रहती हैं. यात्रा हरिद्वार या ऋषिकेश से शुरू होती है, और इसमें गंगोत्री ग्लेशियर तक 300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा शामिल होती है. यात्री आमतौर पर पैदल, पालकी या घोड़े पर गंगोत्री की यात्रा करते हैं. यात्रा कठिन हो सकती है, लेकिन यह पुरस्कृत भी है. गंगोत्री ग्लेशियर एक सुंदर जगह है, जो हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है.
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गंगोत्री में क्या खास है?
गंगोत्री पहुंचने पर, यात्री गंगोत्री मंदिर में दर्शन करते हैं, जो देवी गंगा को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. वे गंगोत्री ग्लेशियर से बहने वाली पवित्र गंगा नदी में स्नान भी करते हैं. गंगोत्री यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव है जो यात्रियों को जीवन के बारे में सोचने और अपने पापों को धोने का अवसर प्रदान करती है.
गंगोत्री की यात्रा कैसे करें?
अपनी यात्रा का समय तय करें- चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है. इन महीनों के दौरान मौसम सुखद होता है और सड़कें खुली रहती हैं.
यात्रा का तरीका तय करें- आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग से गंगोत्री यात्रा कर सकते हैं. सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे किफायती ऑप्शन है, लेकिन इसमें सबसे अधिक समय लगता है. रेल यात्रा एक तेज़ विकल्प है, लेकिन यह अधिक महंगी हो सकती है. हवाई यात्रा सबसे तेज़ ऑप्शन है, लेकिन यह सबसे महंगी भी है.
अपनी रहने की व्यवस्था बुक करें- गंगोत्री यात्रा के दौरान आपको कई होटल, लॉज और धर्मशालाएं मिल जाएंगी. आप अपनी यात्रा से पहले अपनी रहने की व्यवस्था ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या आप वहां पहुंचने के बाद भी ऐसा कर सकते हैं.
अपनी यात्रा की योजना बनाएं- आप अपनी यात्रा की योजना खुद बना सकते हैं या आप किसी टूर ऑपरेटर से पैकेज बुक कर सकते हैं. यदि आप अपनी यात्रा की योजना खुद बना रहे हैं, तो आपको अपनी यात्रा कार्यक्रम, परिवहन और आवास पहले से बुक करना होगा. यदि आप एक पैकेज बुक करते हैं, तो टूर ऑपरेटर आपकी यात्रा की सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखेगा.
गंगोत्री यात्रा में कितने दिन लगते हैं ?
दिन 1:दिल्ली से हरिद्वार पहुंचें.
दिन 2:हरिद्वार में दर्शन करें और फिर ऋषिकेश जाएं.
दिन 3: ऋषिकेश में दर्शन करें और फिर गंगोत्री जाएं.
दिन 4:गंगोत्री में दर्शन करें और गंगोत्री ग्लेशियर की यात्रा करें.
दिन 5: गंगोत्री से ऋषिकेश लौटें.
दिन 6: ऋषिकेश में आराम करें या स्थानीय दर्शनीय स्थलों की यात्रा करें.
यह केवल एक सुझावित यात्रा कार्यक्रम है और आप अपनी रुचि और समय के अनुसार इसे अनुकूलित कर सकते हैं. अगर आप 4 दिन की छुट्टियों का प्लान कर रहे हैं तो आप दिल्ली से सीधा गंगोत्री का प्लान बनाएं और रास्ते में आने वाले हरिद्वार, ऋषिकेश में स्टे ना करें. फैमिली के साथ आप अगर आप घूमने जा रहे हैं तो प्लानिंग के साथ ही घर से बाहर निकले आपकी यात्रा ज्यादा आरामदायक होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)