राजा गेसर मुख्य रूप से मंगोलियाई और तिब्बती राष्ट्रीयताओं द्वारा एक साथ रचित एक वीर महाकाव्य है। इसमें राजा गेसर के राक्षसों को मारने और विभिन्न जातियों के सामंजस्यपूर्ण रूप से रहने और सुन्दर मातृभूमि का निर्माण करने की कहानी बतायी जाती है। इसे पूर्व के होमरिक को कहा जाता है। साथ ही, इसे यूनेस्को द्वारा मानवता की गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई मौकों पर राजा गेसर को पेश किया है। उन्होंने बल देकर कहा कि हमें अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृति के संरक्षण व विकास पर ध्यान देना चाहिये, राजा गेसर जैसे गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासतों का समर्थन देना चाहिये, ताकि वह पीढ़ी दर पीढ़ी विकसित हो सके।
गौरतलब है कि चीनी सभ्यता का लंबा इतिहास और गहन सांस्कृतिक विरासत है। चीन की विभिन्न जातियों ने रंगारंग व शानदार इतिहास व संस्कृति रची है और ये सभी मानव की मूल्यवान संपत्ति ही है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS