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आईआईटी मद्रास की मदद से दिल्ली की जेलों में मोबाइल जैमर सिस्टम, सीएम की मंजूरी

आईआईटी मद्रास की मदद से दिल्ली की जेलों में मोबाइल जैमर सिस्टम, सीएम की मंजूरी

Updated on: 15 Feb 2023, 09:25 PM

नई दिल्ली:

आईआईटी मद्रास और आईआईएससी बेंगलुरु जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों की मदद से दिल्ली की जेलों में जैमर सिस्टम को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। ऐसा होने पर जेल का कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इसके लिए दुनिया में मौजूद सबसे बेहतरीन तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। सबसे बेहतरीन जैमर सिस्टम का अध्ययन करने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कमेटी के गठन को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 15 फरवरी बुधवार को दी गई है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक यह एक्सपोर्ट कमेटी कमेटी जिन कार्यों को करेगी वह कार्य तय कर लिए गए हैं। कमेटी के प्रमुख कार्य, मौजूदा मोबाइल नेटवर्क का अध्ययन करना और जेलों के अंदर अनधिकृत मोबाइल संचार को रोकने के लिए तकनीक का निर्धारण करना। तकनीकी अध्ययन के आधार पर जेलों में मोबाइल नेटवर्क प्रतिबंधित करने के लिए समाधान की सिफारिश करना। 5जी मोबाइल नेटवर्क के लिए समाधान तलाशना और जेल के आसपास स्थापित बीटीएस टावरों के लिए तकनीकी दिशानिर्देश प्रस्तावित करना है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के महानिदेशक जेल की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर, आईआईएससी बंगलूरू के प्रोफेसर, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, सी डॉट के कर्मचारी, आईबी और एसपीजी के अधिकारी कमेटी में सदस्य होंगे। यह कमेटी दिल्ली सरकार को जेलों में 5 जी समेत संपूर्ण नेटवर्क की जैमर व्यवस्था लागू करने का तकनीक सुझाएगी।

दिल्ली की जेलों में जैमर व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी समिति के गठन के लिए कारागार विभाग से प्रस्ताव प्राप्त भेजा गया था। केजरीवाल सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि डीजी (कारागार) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जा सकता है। यह कमेटी जैमिंग समाधान तलाशेगी और उनका परीक्षण करेगी। इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि नई तकनीक जेल परिसर में कॉल, एसएमएस और डेटा सेवाओं को ब्लॉक करने में कितनी प्रभावी है।

इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कमेटी के गठन को बुधवार को मंजूरी दे दी। आईआईटी मद्रास व आईआईएससी बंगलूरू के प्रोफेसर्स वली यह कमेटी 5जी नेटवर्क को ब्लॉक करने के लिए तकनीकी का अध्ययन करेगी और इसका समाधान बताएगी। यह एक 10 सदस्य कमेटी होगी इसके और इस दस सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष डीजी जेल होंगे। कमेटी में आईआईएससी बैंगलुरू प्रो. ए चौकालिंगम, सी-डॉट जॉइंट वायरलैस सुखपाल सिंह, आईआईटी मद्रास प्रो. देवेंद्र जलिहाल, डीआरडीओ वैज्ञानिक मनीष कुमार, सी-डॉट ग्रुप लीडर ब्लूमैक्स स्टीफन, सी-डॉट ग्रुप लीडर देवदास बी, सी-डॉट टीम लीडर संदीप अग्रवाल, आईबी जॉइंट डेप्युटी डायरेक्टर एकेपी पांड्या, एसपीजी एसएसओ टेक संतोष कुमार कमेटी शामिल हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.