नक्शा विवाद में एक कदम पीछे हटा नेपाल, नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने का प्रस्ताव लिया वापस

भारत के कुछ भू-भाग को समेट‌ कर नया नक्शा प्रकाशित करने के बाद नेपाल के साथ राजनीतिक तथा कूटनीतिक संबंधों में आए दरार के बीच नेपाल ने एक कदम पीछे हटा है.

भारत के कुछ भू-भाग को समेट‌ कर नया नक्शा प्रकाशित करने के बाद नेपाल के साथ राजनीतिक तथा कूटनीतिक संबंधों में आए दरार के बीच नेपाल ने एक कदम पीछे हटा है.

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Sushil Kumar
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केपी शर्मा ओली और नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारत के कुछ भू-भाग को समेट‌ कर नया नक्शा प्रकाशित करने के बाद नेपाल (Nepal) के साथ राजनीतिक तथा कूटनीतिक संबंधों में आए दरार के बीच नेपाल ने एक कदम पीछे हटा है. नेपाल की तरफ से जारी किए गए नए नक्शे (Map) को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था. लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से आज संविधान संशोधन की कार्रवाई को हटा दिया गया है.

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संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया

नेपाल के सत्तापक्ष‌ और प्रतिपक्षी दल दोनों की आपसी सहमति से ही संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया है. मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सभी दल के नेताओं ने भारत के साथ बातचीत कर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था.

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नेपाल ने नए नक्शे को संसद में पेश नहीं कर कूटनीतिक रूप से परिपक्वता का उदाहरण दिया

भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता का माहौल बनाने के लिए नेपाल ने अपने तरफ से यह कदम उठाया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी. नेपाल ने नए नक्शे को संसद में पेश नहीं कर कूटनीतिक रूप से परिपक्वता का उदाहरण दिया है.

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