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Rahul Gandhi( Photo Credit : social media)
नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर शुरू हुई सियासत के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कड़ी आपत्ति जताई है. राहुल गांधी ने कहा कि नेहरूजी की पहचान उनके नाम से नहीं, बल्कि उनके कर्म (काम) से है. इसे लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा,'यह नाम इसलिए नहीं बदला गया क्योंकि वे दूसरे प्रधानमंत्रियों का काम दिखाना चाहते हैं, बल्कि वे नेहरूजी के नाम को दबाने की कोशिश में हैं. उन्होंने कहा कि आप आलीशान पीएम आवास बना रहे, तो आप आलीशान प्रधानमंत्री संग्रहालय भी बना सकते थे.
हर कोई कहता है कि नेहरू मेमोरियल फंड बेहतर काम करता था. संदीप दीक्षित ने कहा कि 17 साल में नेहरूजी ने जो काम किया, उसकी तुलना नहीं की जा सकती. इसकी व्यापकता बाकी प्रधानमंत्रियों की तुलना में नहीं दिखाई देती. ऐसे में इसे बहुत चलाकी से किया गया है. नेहरूजी की क्रांतिकारी उपलब्धियां हैं, वह उस संग्रहालय में दिखती ही नहीं है.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल (NMML) का नाम बदला है. अब NMML का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया है. मोदी सरकार के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी काफी भड़की हुई है. वे इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने की बात कर रहे हैं. इस मामले में सरकार का बचाव करते हुए, तर्क दिए हैं.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने की योजना बनाई थी. इसके बाद नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसकी मंजूरी दी थी. बीते वर्ष प्रधानमंत्री संग्रहालय 21 अप्रैल 2022 को आम लोगों के लिए खोला गया. इस दौरान सरकार के निमंत्रण पर नेहरू-गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने उपस्थिति दर्ज नहीं की.
HIGHLIGHTS
- वे नेहरूजी के नाम को दबाने की कोशिश में हैं: संदीप दीक्षित
- केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल (NMML) का नाम बदला है
- NMML का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) करा