हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा पर करनी होगी राज्यों से बात- SC में केंद्र
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर करके कहा कि इस मामले में राज्य सरकारों और अन्य पक्षकारों से व्यापक विचार विमर्श करने की जरूरत है. क्योंकि देश भर में इस मामले का दूरगामी असर होगा.
highlights
- केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा सौंपा है
- राज्य सरकारों और अन्य पक्षकारों से व्यापक विचार विमर्श की जरूरत
- SC में पहली बार 2017 में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग
New Delhi:
देश के 10 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा ( Minority Status for Hindus) दिए जाने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ( Central Government in Supreme Court ) से ज्यादा समय की मांग की है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर करके कहा कि इस मामले में राज्य सरकारों और अन्य पक्षकारों से व्यापक विचार विमर्श करने की जरूरत है. क्योंकि देश भर में इस मामले का दूरगामी असर होगा. देश के लिए बिना विस्तृत चर्चा के लिया गया फैसला अनपेक्षित जटिलता का कारण बन सकता है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसके पास अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने का अधिकार है और इस बारे में कोई भी फैसला राज्यों समेत तमाम पक्षकारों के साथ विस्तार से चर्चा के बाद लिया जाएगा. इस मामले में एक याचिका का जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चार सप्ताह की मोहलत दी थी. याचिका में राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए केंद्र सरकार को एक दिशानिर्देश तैयार करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था.
केंद्र ने पहले बताया था राज्यों की जिम्मेदारी
एडवोकेट और एक्टिविस्ट अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर की गई याचिका के जवाब में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा सौंपा है. केंद्र सरकार का नया रुख कुछ मायनों में उसके 25 मार्च को दाखिल हलफनामे से अलग है. केंद्र ने पहले के हलफनामे में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की जिम्मेदारी राज्यों पर डालने की कोशिश की थी. केंद्र ने कहा था कि राज्यों के पास भी किसी समूह को अल्पसंख्यक घोषित करने का अधिकार है.
इस वजह से केंद्र ने दायर किया नया हलफनामा
केंद्र ने ये कहकर याचिका खारिज करने की गुहार लगाई थी कि याचिकाकर्ता की की गई मांग किसी बड़े सार्वजनिक या राष्ट्रीय हित में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगातार जवाब तलब करने और 7500 रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद केंद्र ने हलफनामा दाखिल किया था. 28 मार्च को सुनवाई के दौरान भी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से और अधिक समय की मांग की थी. उसके बाद अब केंद्र ने नया हलफनामा पेश किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अश्विनी उपाध्याय की ओर से 2020 में दायर याचिका पर केंद्र का ये हलफनामा आया है.
अपने दो कानूनों का केंद्र सरकार ने किया बचाव
केंद्र ने नए हलफनामे में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) एक्ट, 1992 और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान आयोग (NCMEI) कानून, 2004 का बचाव किया है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक्ट की धारा 2 सी के तहत केंद्र ने 6 समुदाय- ईसाई, सिख, मुस्लिम, बौद्ध, पारसी और जैन को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक घोषित कर रखा है. NCMEI एक्ट और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक्ट के तहत अधिसूचित छह समुदायों को उनकी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अधिकार देता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रूख साफ करे केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि वह सुनिश्चित करेगा कि इस तरह के अहम मुद्दे के बारे में भविष्य में किसी भी मुश्किलों को दूर करने के लिए कई सामाजिक, तार्किक और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने एक सुविचारित दृष्टिकोण रखने में सक्षम हो. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 10 मई को अगली सुनवाई करेगी. उसने केंद्र सरकार को अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर अपना रुख रिकॉर्ड पर रखने को कहा है.
ये भी पढ़ें- Sri Lanka Crisis: आखिर क्यों धधक रहा है समंदर का मोती?
पहली बार 2017 में सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
अश्विनी उपाध्याय ने 2011 की जनगणना के आधार पर याचिका में कहा है कि लक्षद्वीप, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के टीएमए पई मामले में दिए गए फैसले के मुताबिक इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाना चाहिए. इससे पहले 2017 में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग करते हुए वह पहली बार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उस समय केवल केंद्र सरकार ही ये राहत दे सकता है कहकर याचिका को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भेज दिया गया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी