Advertisment

मुठभेड़ में मारे गए नक्सल कमांडर का शव लेने से घर वालों का इनकार, बोले- गलत काम का अंजाम यही होना था

मुठभेड़ में मारे गए नक्सल कमांडर का शव लेने से घर वालों का इनकार, बोले- गलत काम का अंजाम यही होना था

author-image
IANS
New Update
Naxalite looted

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

पुलिस मुठभेड़ में मारे गये तीन लाख के इनामी माओवादी नक्सली राजेश उरांव का शव लेने से शुक्रवार को उसके परिजनों ने इनकार कर दिया।

राजेश के भाई भैयाराम उरांव को जब उसकी मौत की खबर दी गई तो उन्होंने कहा, वह मेरा छोटा भाई था। उसकी मौत से दु:ख तो है, लेकिन वह जिस गलत रास्ते पर था, उसका नतीजा तो गलत ही होना था। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं, जिसने कई लोगों का घर बर्बाद किया हो।

राजेश उरांव की भाभी ने कहा कि हमें राजेश के शव से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस अपने तरीके से उसका अंतिम संस्कार करे। उनका कहना था कि घर में हम अपना खाने के लिए तरस रहे हैं, तो शव का अंतिम संस्कार कैसे करेंगे। राजेश ने कितने लोगों को तड़पाया है। कितने लोगों को मारा है। ऐसे में उसे भी यही भोगना था।

राजेश उरांव घाघरा थाना के तुंजो हुटार गांव का रहने वाला था। 22 साल पहले उसने घर छोड़कर नक्सली संगठन ज्वाइन कर लिया था। वर्ष 2001 में वह सबसे पहले इलाके में सक्रिय दुर्दांत नक्सली टोहन महतो के संपर्क में आया था। इसके बाद से वह कभी घर नहीं लौटा। माओवादी नक्सली संगठन में उसका ओहदा सब जोनल कमांडर का था। गुमला सदर थाना क्षेत्र आंजन से मड़वा जंगल की ओर जाने वाले रास्ते में गुरुवार दोपहर करीब दो बजे पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में वह मारा गया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment