logo-image

6 केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हुआ राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन

चंडीगढ़, लद्दाख, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल हैं.

Updated on: 16 Aug 2020, 08:02 AM

नई दिल्ली:

छह केंद्र शासित राज्यों में शनिवार को महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission) की शुरूआत की गई है. इसके तहत प्रत्येक भारतीय को एक स्वास्थ्य पहचान पत्र (Health Identity Card) मिलेगा जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच सुगम होगी. आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार शीर्ष एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकार (NHA) को सरकार ने देश में एनडीएचएम का प्रारूप तय करने, उसे तैयार करने और लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी है.

यह भी पढ़ेंः वैष्णो देवी यात्रा 5 महीने बाद आज से फिर होगी शुरू, जानें यह जरूरी बातें

यहां हुई लांच
एनएचए ने एक बयान में कहा कि प्रायोगिक परियोजना के तहत जिन छह केंद्र शासित राज्यों में यह मिशन शुरू किया गया है उनमें चंडीगढ़, लद्दाख, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल हैं. स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक स्वास्थ्य पहचान-पत्र मिलेगा जिसमें उसकी हर चिकित्सा जांच, हर बीमारी, उसको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, उसकी रिपोर्ट क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी स्वास्थ्य पहचान पत्र (आईडी) में समाहित होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) का उद्घाटन किया.

यह भी पढ़ेंः लोजपा ने नीतीश सरकार से समर्थन वापसी पर लिया क्या फैसला जानें

स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने की थी घोषणा
पीएम मोदी ने कहा था, 'एक बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है जिसमें प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभाएगी. आज राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शुरू किया जा रहा है. मिशन, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगा. तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी.' एनएचए ने एक बयान में कहा, 'एनडीएचएम का उद्देश्य नागरिकों को सही चिकित्सक की तलाश, उनसे समय लेने, परामर्श शुल्क का भुगतान करने और कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने जैसी दुष्वारियों से मुक्ति दिलाएगा और सभी भारतीयों को सही जानकारी और उनके आधार पर सही फैसला लेने के लिये सशक्त करेगा जिससे वे श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा पाएं.'