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नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, अब महिला आरक्षण बिल बना कानून

Women Reservation Bill 2023 : लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल 2023 पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सहमति मिल गई है. अब नारी शक्ति वंदन अधिनियम कानून बन गया है.

Updated on: 29 Sep 2023, 05:49 PM

नई दिल्ली :

Women Reservation Bill 2023 : संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में महिला आरक्षण बिल 2023 पारित हो गया था. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) के पास इस विधेयक को भेजा गया है. राष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की अनुमति के बाद भारत सरकार ने शुक्रवार को महिला आरक्षण विधेयक 2023 (Women Reservation Bill 2023) को लेकर एक गजट अधिसूचना जारी की है. अब ये बिल कानून बन गया है. 

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देश में लोकसभा, विधानसभाओं और नगर पंचायत समेत सभी चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी. महिला आरक्षण बिल 2023 (Women Reservation Bill 2023) के कानून बनने के बाद चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. संसद के स्पेशल सत्र के दौरान लोकसभा में वोटिंग के जरिये महिला आरक्षण बिल पास हुआ था. इस दौरान AIMIM के सिर्फ दो सांसदों ने इस विधेयक के विरोध में वोट डाला था. 

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वहीं, राज्यसभा में किसी ने विरोध में वोट नहीं डाला था. राज्यसभा के सभी सदस्यों ने महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill 2023) के पक्ष में मतदान किया था. इसके बाद राज्यसभा में भी सर्वसम्मति से नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास हो गया था. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को अनुमति दे दी है. इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. अब महिला आरक्षण बिल या नारी शक्ति वंदन अधिनियम कानून बन गया है.