राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit doval) की रणनीति एक बार फिर से रंग लाई है. म्यांमार ने 22 उग्रवादियों को भारत को सौंप दिया है. इन 22 उग्रवादियों को विशेष विमान के जरिए भारत लाया गया है. अब इन्हें मणिपुर और असम पुलिस को सौंपा जाएगा. जहां इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, पकड़े गए उग्रवादी पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी गतिविधियों में शामिल थे. ये लोग भारत में वारदात को अंजाम देकर म्यांमार में घुस जाते थे. इन उग्रवादियों को म्यांमार की सेना ने मुठभेड़ के दौरान धर दबोचा था. 22 उग्रवादियों को लेकर उठाए गए इस कदम से भारत और म्यांमार के संबंधों में प्रगाढ़ता आई है.
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मीडिया रिपोट्स की मानें तो यह पहली बार है कि म्यांमार सरकार ने पूर्वोत्तर विद्रोही समूहों के नेताओं को सौंपने के भारत के अनुरोध पर काम किया है. अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारत और म्यांमार के बीच रिश्ते अधिक गहरे हुए हैं. सैन्य अभियान में म्यांमार भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है. 2018 में भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना के सहयोग से पूर्वोत्तर में एक सर्जिकल स्ट्राइक किया था. जिसमें बहुत सारे उग्रवादी मारे गए थे.
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बता दें कि म्यांमार और भारत की सीमा घने जंगलों से ढकी है. जिसका फायदा उग्रवादी उठाते हैं. वो यहां वारदात को अंजाम देकर म्यांमार की सीमा में घुस जाते हैं.