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Mukhtar Ansari Death: मुख्तार के बेटे ने खटखटाया SC का दरवाजा, लगाई यह गुहार

Mukhtar Ansari death: यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके बेटे अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और यह गुहार लगाई है...

Updated on: 29 Mar 2024, 08:19 PM

New Delhi:

Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कल यानी शनिवार को उनको पैतृक गांव मोहम्मदाबाद (गाजीपुर ) में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. इस बीच मुख्तार अंसारी के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मु्ख्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच से जनाजे में शामिल होने की गुहार लगाई है. दरअसल, आज गुड फ्राइडे है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट का अवकाश है. ऐसे में अब्बास अंसारी के वकील ने शीर्ष अदालत के वेकेशन ऑफिसर से संपर्क किया है. अब्बास ने अदालत से जल्दी से जल्दी इस मामले में सुनवाई की मांग की है. 

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अदालत पहले ही तीन मामलों में मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को जमानत देने के इनकार कर चुकी है. यूपी की कासंगज जेल में बंद अब्बास अंसारी के खिलाफ कई जिलों में मामले दर्ज हैं. यही वजह है कि अपील सीधी शीर्ष अदालत में दायर की गई है. उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है. पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है. पोस्टमार्टम आउस से बाहर आए डॉक्टरों ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाली पांच सदस्यीय टीम में एक पीजीआई लखनऊ, तीन बांदा जिला अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शामिल रहे. पीएम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने की बात सामने आई है. 

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वहीं, मुख्तार अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसको (मुख्तार अंसारी) को जेल में हल्की जहर दिया गया है. परिवार के आरोपों के बाद इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि एक तीन सदस्यीय टीम जल्द ी मुख्तार अंसारी डेथ केस में जांच करेगी. मुख्तार अंसारी डेथ केस में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश बांदा के चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट ने दिए हैं. बांदा चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता ने एडिशनल चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट बांदा) को इस केस में मुख्य जांच अधिकारी नियुक्त किया है. सीजेएम ने आदेश दिया है कि इस मामले में जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर जमा करनी है.