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उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के 38 केस पर भारी पंजाब का एक केस

मुख्तार अंसारी पर यूपी के कई थानों में जघन्य अपराधों के कुल 38 मामले दर्ज हैं, वो यूपी के टॉप माफियाओं में से एक है. मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में एक केस के मामले में बंद है. यह केस अंसारी पर मोहाली में दर्ज हुआ था

Updated on: 09 Feb 2021, 12:14 PM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी पर 38 मामले
  • पंजाब में मुख्तार अंसारी पर सिर्फ एक मामला
  • यूपी के 38 मामलों पर भारी पंजाब का एक मामला

 

नई दिल्ली:

बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की सदर विधानसभा से पांच बार का विधायक रह चुका है. मुख्तार अंसारी पर यूपी के कई थानों में जघन्य अपराधों के कुल 38 मामले दर्ज हैं, वो यूपी के टॉप माफियाओं में से एक है. मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में एक केस के मामले में बंद है. यह केस अंसारी पर मोहाली में दर्ज हुआ था और तब से वो पंजाब की जेल में ही बंद है. आपको बता दें कि साल 2019 की शुरुआत में ही मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश से प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब ले आया गया था. तब से मुख्तार अंसारी यहीं पर है. मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी सरकार और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं. एक तरफ यूपी के 38 जघन्य अपराध के मामले तो दूसरी तरफ मोहाली में एक साधारण सा मामला है. 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुख्तार अंसारी की कस्टडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुकी है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब सराकार को लताड़ लगाई थी और इस मामले की सुनवाई को 24 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का विरोध कर रही है. पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन का शिकार है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है. हकीकत में वो गैंगस्टर है और उसने पंजाब में केस के लिए ज़मानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में खुश है.

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आपको बता दें कि पंजाब सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की  है.  वहीं SG तुषार मेहता ने मुकुल रोहतगी की इस बात का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले अलग हैं और ये मामले कहीं ज्यादा गंभीर हैं. पंजाब में इन गंभीर मामलों की सुनवाई एक साथ नहीं हो सकती है. तुषार मेहता ने आगे कहा कि ये एक गम्भीर मामला है कि एक अपराधी अपने खिलाफ एक FIR दर्ज करवा लेता है और फिर उसके बाद वो जानबूझकर कर ज़मानत अर्जी दाखिल नहीं करता वो तो जेल में मौज कर रहा है.

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24 फरवरी तक टली मुख्तार अंसारी मामले की सुनवाई
सॉलिसिटर जनलर तुषार मेहता ने आगे बताया कि ये बात समझ से परे है कि  कैसे पंजाब सरकार एक अपराधी को इस तरह से समर्थन कर रही है. फिलहाल मुख्तार अंसारी मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने अगले 24 फरवरी तक के लिए टाल दी है. आपको बता देंं कि इसके पहले पंजाब सरकार ने राज्य की रूपनगर जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया है. पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी की खराब सेहत का हवाला देकर उसे उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी है. इसको लेकर पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दाखिल किया गया है.

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इस केस की वजह से पंजाब में बंद है मुख्तार अंसारी  
पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट का काम करने वाले होमलैंड ग्रुप के सीईओ ने मोहाली पुलिस को शिकायत की कि 9 जनवरी 2019 को उनसे 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई. रंगदारी मांगने वाले ने अपना नाम यूपी का कोई अंसारी बताया था. पुलिस ने FIR दर्ज की और आरोपी बनाया बांदा के पते पर रहने वाले अंसारी को. मुख्तार अंसारी उस समय बांदा की जेल में ही बंद थे. पंजाब पुलिस केस दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर प्रोडक्शन वारंट लेकर बांदा पहुंची और मुख्तार को लेकर आई. तब से मुख्तार रोपड़ जेल में ही बंद है. जब यूपी पुलिस मुख्तार की कस्टडी मांगती है तो पंजाब सरकार ये कहते हुए मना कर देती है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्तार को यात्रा करने से मना किया गया है.