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उत्तर प्रदेश जेल भेजने का मुख्तार अंसारी ने किया विरोध, SC में कहा- मैं हामिद अंसारी के परिवार का हूं, जो...

पंजाब की जेल में बंद विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने खुद को उत्तर प्रदेश की जेल में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया है.

Updated on: 08 Feb 2021, 11:49 PM

highlights

  • अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया
  • उनके परिवार से देश को स्वतंत्रता सेनानी, राज्यपाल और उपराष्ट्रपति मिले: अंसारी
  • अंसारी मामले में पंजाब सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार आमने-सामने

नई दिल्ली:

पंजाब की जेल में बंद विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने खुद को उत्तर प्रदेश की जेल में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया है. मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि वे एक ऐसे परिवार का हिस्सा हैं, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया है. इसके साथ ही उसके परिवार से निकले हामिद अंसारी देश के उपराष्ट्रपति रहे हैं. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि उनके परिवार से देश को स्वतंत्रता सेनानी, राज्यपाल और उपराष्ट्रपति मिले हैं. उन्होंने भूतपूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का हवाला देते हुए कहा कि वह उस परिवार से हैं, जहां से निकले हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति रहे हैं.

आपको बता दें कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है. यूपी सरकार उसे उत्तर प्रदेश लाना चाहती है, लेकिन पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने से मना कर दिया है. इसे लेकर पंजाब ने मुख्तार अंसारी के कथित खराब सेहत का हवाला दिया है. 

मुख्तार अंसारी की कस्टडी को लेकर पंजाब और यूपी सरकार आमने-सामने

मुख्तार अंसारी की कस्टडी को लेकर पंजाब - उत्तरप्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने सामने है.  मुख्तार अंसारी पर यूपी में हत्या, उगाही और गैंगस्टर एक्ट समेत  गम्भीर धाराओं वाले 14 मुकदमे यूपी में लंबित है. जबकि पंजाब में उसके खिलाफ एक मुकदमा लंबित है. 2019 में  मामूली केस में पेशी के लिए मुख्तार अंसारी को  यूपी की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल ले जाया गया था, लेकिन तब से लगातार यूपी पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद और  अदालत से 26 प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बावजूद, उसे मुख्तार अंसारी की कस्टडी नहीं मिल पा रही है.

अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वहीं पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल सुपरिटेंडेंट की ओर से दाखिल हलफनामे में अंसारी के हाइपर टेंशन, पीठ दर्द, स्किन एलर्जी ,डिप्रेशन जैसी बीमारियों का हवाला देते हए उसे उत्तर प्रदेश वापस भेजने से इंकार कर दिया है. इसका आज सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया.

आखिर पंजाब सरकार क्यों कर रही है गैंग्सटर का बचाव

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आखिर पंजाब सरकार एक अपराधी को इस तरह से बचाव क्यों कर रही है. पंजाब सरकार दलील दे रही है कि अंसारी डिप्रेशन का शिकार है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार से है. जबकि हकीकत में वो एक गैंगस्टर है. उसने पंजाब में ज़मानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में ख़ुश है और मौज काट रहा है. जबकि यूपी में उसके खिलाफ लंबित उसके मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है. मुख्तार अंसारी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने यूपी में दर्ज सभी केस को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की  है.

यूपी में मुख्तार पर दर्ज हैं गंभीर मुकदमे

तुषार मेहता ने कहा कि - यूपी में दर्ज केस अलग है. वो कहीं ज़्यादा गम्भीर है. एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती. ये एक गम्भीर मामला है कि एक अपराधी अपने खिलाफ दूसरे राज्य में एक FIR दर्ज करवा लेता है. उसके बाद वो जानबूझकर कर ज़मानत अर्जी दाखिल नहीं करता. और जेल में पूरे आराम के साथ रह रहा है. मुकुल रोहतगी ने  कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज कल सुनवाई हो रही है और मुख्तार अंसारी के केस की सुनवाई भी हो सकती है तो इस पर तुषार मेहता ने जवाब दिया की सुनवाई का फोरम  क्या होगा, ये आप नहीं तय कर सकते. आप फाइव स्टार सुविधा हासिल कर मुकदमों के लिए पेश  नहीं हो सकते.