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पंचतत्व में विलीन हुए मप्र के राज्यपाल लालजी टंडन, इन बड़ी हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों व नेताओं ने श्रद्घांजलि अर्पित की.

Updated on: 21 Jul 2020, 11:48 PM

नई दिल्‍ली:

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (85) यहां मंगलवार को गुलाला घाट पर विधिविधान से अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके छोटे बेटे अमित टंडन ने चिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान उन्हें लखनऊ वासियों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. टंडन का मंगलवार की सुबह लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया था वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. लालजी टंडन की अंतिम यात्रा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत राजनीतिक जगत की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुईं. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों व नेताओं ने श्रद्घांजलि अर्पित की.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, उनका (लालजी टंडन) जाना मेरा व्यक्तिगत नुकसान है. वह मेरे संरक्षक की भूमिका में रहे. प्रदेश की राजनीति में भाजपा को ऊंचाई देने में उनका बड़ा योगदान रहा है. हर जनसामान्य यह महसूस करता था कि हमारा कोई अभिभावक लखनऊ में मौजूद है. हर कार्यकर्ता सोचता था, जब लखनऊ जाएंगे अगर कोई नहीं मिलेगा तो भी टंडन जी मिलेंगे, सुनेंगे समाधान करेंगे.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, भाजपा के वरिष्ठ नेता, हम सभी के मार्गदर्शक, मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन के निधन की खबर बेहद दुखद है. उनसे हर कदम पर कुछ नया सीखने को मिलता रहा, समाज व राष्ट्र के प्रति उनका पूर्ण समर्पण भाव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा. उनका निधन भाजपा संगठन के लिए ही नहीं अपितु पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

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टंडन के अंतिम दर्शन के लिए फरंगी महली, यूसुफ अब्बास समेत कई मुस्लिम धर्मगुरु भी पहुंचे. मुस्लिम धर्मगुरु फरंगी महली ने कहा कि टंडनजी गंगा-जमुनी तहजीब के जीती जागती मिसाल थे. पूरे प्रदेश में उन्होंने तरक्की के लिए काम किया है. इस बात को हमेशा लोग याद रखेंगे. मुस्लिम धर्मगुरु यूसुफ अब्बास ने कहा, जो भी टंडन जी से एक बार मुलाकात कर लेता था वह उनसे बार-बार मिलने की इच्छा रखता था. टंडन जी का पीठ पर हाथ रखकर थपथपाना हमें आज भी याद आ रहा है. उनके अंदर हिंदू-मुस्लिम को लेकर बिल्कुल भी भेदभाव नहीं था.

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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा़ॅ दिनेश शर्मा ने लालजी टंडन को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. उनके साथ कई अधिकारी भी मौजूद थे. अंतिम यात्रा में मंत्रियों समेत स्थानीय लोग भी शामिल हुए. कोरोना आपदा को देखते हुए शासन की ओर से दिशा-निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुलाला घाट पहुंचे. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अलावा टंडन के करीबियों में शुमार नवनीत सहगल भी मौके पर मौजूद थे.