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MP Bypolls: चुनावी रैलियों में रोक पर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे

मध्य प्रदेश उपचुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि कोविड 19 की राज्य में हालात के मद्देनजर आप जरूरी कदम उठाएं. अगर आपने समय रहते जरूरी कदम उठाए होते तो हाईकोर्ट को दखल देने की जरूरत ही नहीं पड़ती.

Updated on: 26 Oct 2020, 01:35 PM

नई दिल्ली :

मध्य प्रदेश उपचुनाव (MP Bypolls): कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से मध्य प्रदेश के  9 जिलों में चुनावी रैलियों पर रोक को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है. बता दें कि चुनाव आयोग और बीजेपी नेता प्रद्युम्न सिंह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के बुधवार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि कोविड 19 की राज्य में हालात के मद्देनजर आप जरूरी कदम उठाएं. अगर आपने समय रहते जरूरी कदम उठाए होते तो हाईकोर्ट को दखल देने की जरूरत ही नहीं पड़ती.

कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि इलेक्शन कमीशन होने के नाते आपकी ज़िम्मेदारी बड़ी है. आपको स्थिति पर नज़र रखनी है, देखना है कि कहां गड़बड़ी हो रही है और अथॉरिटी को उसके मुताबिक निर्देश देने है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने याचिकाकर्ताओ ने जो उठाए हैं, आपने उन पर गौर करते हुए ज़रूरी कदम उठाए? कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने अगर प्रोटोकॉल का पालन किया होता तो ऐसे हालात नहीं बनते.

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बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव (Madhya Pradesh Bypolls) से पहले हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के एक फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग (Election commission) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया था. चुनाव आयोग का कहना था कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाईकोर्ट का ये फैसला मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. 

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हाईकोर्ट ने बड़ी रैलियों पर लगा दी थी रोक
बता दें कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य में होने वाले आगामी उपचुनाव में बड़ी रैलियों को प्रतिबंधित कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि रैलियों की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वर्चुअल मीटिंग संभव न हो. हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. उसका कहना है कि कोरोना वायरस के दौरान चुनाव कराने के दिशानिर्देश पहले से ही तय हैं. चुनाव आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश से उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी.